नई दिल्ली- 03 अगस्त। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हैदराबाद की मस्जिद ख्वाजा महमूद को रातों-रात तोड़े जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए तेलंगाना सरकार से मस्जिद को दोबारा उसी स्थान पर निर्माण कराए जाने की मांग की है। बोर्ड ने मुसलमानों से कहा है कि यह मामला सरकार और मुसलमानों के बीच है, इसलिए इसमें अपने देशवासियों खासतौर से हिंदू भाईयों से किसी भी तरह का टकराव नहीं लेना चाहिए और शांति व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए।
बोर्ड महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा है कि मस्जिद को तोड़े जाने की घटना से मुसलमान काफी आहत हैं। तेलंगाना सरकार की यह हरकत नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है। एक तरफ तेलंगाना की सरकार अल्पसंख्यकों खासतौर से मुसलमानों की हमदर्दी का दावा करती है और दूसरी तरफ मुसलमानों के धार्मिक स्थलों के लिए बुलडोजर कल्चर अपनाती है और मस्जिद को शहीद कर देती है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा करता है।
बोर्ड सरकार से मांग करता है कि वह बिना समय गवाएं मस्जिद का उसी स्थान पर दोबारा निर्माण कराए। मौलाना ने साथ ही सचिवालय की शहीद मस्जिद का भी जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कराए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि जिन सरकारी अधिकारियों ने इस तरह का नफरत फैलाने वाला कदम उठाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मस्जिदें मुसलमानों को अपने घरों से भी ज्यादा अजीज हैं क्योंकि यह अल्लाह का घर है, इसलिए मुसलमान हरगिज इस तरह की किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
मौलाना ने मुसलमानों का आह्वान किया है कि इस संबंध में हमारी लड़ाई तेलंगाना सरकार से है ना कि हमारे अपने देशवासियों या हिन्दू भाईयों से है इसलिए हमें हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखनी है। अपने गुस्से पर काबू रखना है। अगर हमने अपना आपा खोया तो सांप्रदायिक ताकतों को इसका फायदा पहुंचेगा और देश में एक बार फिर से सांप्रदायिक सौहार्द को बड़ा नुकसान हो जाएगा।