भारत और नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरुआतः प्रचंड

इंदौर/भारत- 02 जून। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरुआत हुई है। भारत नेपाल के बीच संबंधों में नए आयाम जुड़े हैं। यह बात उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुक्रवार की रात उनके सम्मान में इंदौर में दिए गए रात्रि भोज के दौरान कही।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कल की मुलाकात के दौरान कहना कि हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे और इसी भावना से, हम सभी मुद्दों का, चाहे बाउंड्री का हो या कोई और विषय, सभी का समाधान करेंगे, यह हमारे लिए खुशी और गर्व का विषय है।

प्रचंड ने कहा कि मेरा प्रधानमंत्री के रूप में भारत भ्रमण चौथी बार हो रहा है। इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के बीच जो सहमति हुई है, यह दूर तक जाने वाली सहमति है। कनेक्टीविटी, वॉटर रिसोर्स, ऊर्जा के क्षेत्र में जो सहमति बनी है, उसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे। मैं नेपाल जाकर नेपाली जनता को बताऊंगा कि भारत नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरूआत हुई है। भारत नेपाल के संबंधों में नए आयाम जुड़े है। इसको मजबूत करना हम सबका कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जो गर्मजोशी से स्वागत हुआ है, वह अविस्मरणीय है। भगवान महांकाल के दर्शन कर मेरा सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जो विकास हुए हैं, वह अभूतपूर्व है। इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत भाषण देते हुये प्रदेश की नौ करोड़ जनता और राज्य शासन की ओर से प्रधानमंत्री प्रचंड का स्वागत अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि प्रचंड को हमारे बीच पाकर हम अभिभूत हैं, उनका स्वागत कर हम गौरवांवित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और परम्पराएं लगभग एक जैसी है। ऐसा लग रहा है कि अपनों के बीच अपने ही आये हैं। कार्यक्रम का संचालक सांसद शंकर लालवानी ने किया।

दरअसल, नेपाल के प्रधानमंत्री शुक्रवार को दो दिवसीय प्रवास पर इंदौर पहुंचे। वे सबसे पहले उज्जैन गए और भगवान महाकाल के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने शाम को देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्वच्छता संबंधी प्रबंधन के कार्यों को देखा। इस दौरान उन्होंने जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी बनाने वाला एशिया के सबसे बड़े तथा देश में अपने तरह के पहले और अनूठे प्लांट का अवलोकन भी किया।

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Author: lakshyatak

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