रतलाम- 20 नवंबर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार खराड़ी ने भाटी बड़ोदिया के किसान सोमाजी की हत्या के मामले में उसके दो पुत्र 41 वर्षीय भरतलाल भाभर तथा 32 वर्षीय गणेश भाभर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि इस हत्या में संलग्न मृतक के भाई मोहनलाल को दोषमुक्त कर दिया।
प्रकरण के अनुसार 19 अक्टूबर 2016 को ग्राम भाटी बड़ोदिया में किसान जानकीलाल के कुएं में सोमाजी का शव मिला था। शव सड़ने से शरीर पर चोट के निशान दिखाई नहीं दिए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत पानी में डूबने से होना बताया गया था। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच तत्कालीन एएसआइ मुकेश यादव को सौंपी।
जांच के दौरान पुलिस को शंका हुई कि भरतलाल, गणेश व उसके काका मोहनलाल ने सोमाजी की हत्या कर कुएं में फैंका। तीनों को हिरासत में ले जाने के बाद कबुला कि 16 अक्टूंबर 2016 को सोमाजी ने अपनी पत्नी गुलाबबाई और पुत्र गणेश के साथ मारपीट की थी। इसी कारण 46 वर्षीय काका मोहनलाल भाभर के साथ मिलकर सोमाजी के साथ मारपीट की और घायल अवस्था में गांव के एक कुएं में फैंक दिया था,ताकि लगे कि सोमाजी की पानी में डूबने से मौत हुई है। घटना के तीन दिन बाद पुत्र भरतलाल ने संबंधित थाना बिलपांक में पिता के कुएं में गिरने की सूचना दी थी, जबकि इसके पूर्व लापता होने की रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। जांच के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। सुनवाई के बाद न्यायालय में भरतलाल व गणेश दोनों भाई को उक्त सजा सुनाई, साथ ही भादवि की धारा 201 में आजीवन कारावास के साथ-साथ तीन-तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा व दो-दो हजार रुपये जुर्माने से भी दंडित किया। जबकि मोहन पर आरोप प्रमाणित न होने पर दोषमुक्त किया है।
