जहरीली शराब मामले में चौकाने वाला खुलासा, देशी शराब में मिलाई जाती थी स्पिरिट

हावड़ा- 22 जुलाई। हावड़ा जिले के घूसड़ी में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत मामले में चौकाने वाला खुलासा हुआ है।

बस्ती में अवैध शराब का धंधा चलाने के आरोप में गिरफ्तार प्रताप कर्मकार नाम के शख्स ने कई सनसनीखेज खुलासे किए है। उसने बताया है कि शराब की मात्रा बढ़ाने के लिए रंग में मिलाई जाने वाली स्पिरिट मिलाई जाती थी।

जांचकर्ताओं के मुताबिक करीब चार दशक पहले गिरफ्तार प्रताप के पिता ने गजानन झुग्गी में अवैध शराब का धंधा शुरू किया था। उसके बाद, प्रताप ने अपने पिता की मृत्यु के बाद व्यवसाय को संभाला। गजानन बस्ती में मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग के परिवार रहते हैं। प्रताप के खरीदार मूल रूप से वे ही थे। नशा बढ़ाने के लिए प्रताप ने बाहर से बांग्ला शराब खरीद कर नींद की गोलियां मिलाना शुरू कर दिया। लेकिन इससे भी अपेक्षित लाभ नहीं दिखा। फिर शराब में स्पिरिट मिलाने लगा। उसने बताया है कि इससे नशा अधिक होता था और उसकी बिक्री भी बढ़ गई थी।

हालांकि, प्रताप ने पुलिस के सामने दावा किया कि उसने प्रकाश मित्रा नाम के एक शख्स को शराब भट्ठे की देखभाल का जिम्मा सौंपा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक के विसरा के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

जयपुरिया कॉलेज, कोलकाता के रसायन विज्ञान विभाग की प्रोफेसर अन्वेषा बनर्जी ने कहा कि रंग बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्पिरिट बहुत खतरनाक हो सकती है। जहां इथेनॉल इंसानों के लिए हानिकारक नहीं है, वहीं मेथनॉल बहुत खतरनाक है। कलरिंग स्पिरिट में मेथनॉल होता है। वहीं, मेथनॉल शरीर में ऑक्सीकृत होकर फॉर्मेलिन और फॉर्मिक एसिड बन जाता है। परिणामस्वरूप विषाक्तता हो सकती है। यह इतना जहरीला होता है कि इससे अंधापन, यहां तक कि मौत भी हो सकती है।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!