पटना- 29 मार्च। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए समाज में झगड़ा लगाने का काम करते हैं, ऐसे लोगों से सतर्क रहें। दिल्ली से आकर कुछ लोग सम्राट अशोक महान को अपना बताकर आपको गुमराह करने की कोशिश करेंगे। ऐसे लोग जातियों को बांटने की कोशिश में लगे रहते हैं। हमलोगों ने कभी जाति पर आधारित बात नहीं की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार शाम सम्राट अशोक महान के जन्मोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों का आजादी के आंदोलन से कोई मतलब नहीं रहा है, जो बापू को खत्म कर दिए, वे बाएं-दाएं करने में लगे रहते हैं। अगर आप सभी को वास्तव में भगवान बुद्ध एवं सम्राट अशोक से लगाव है तो इसे याद रखियेगा, भूलियेगा मत। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सबके हित में काम करते हैं। श्रद्देय अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में पूरे देश में विकास का काम किया गया। आज जो लोग केन्द्र में हैं, वे सिर्फ अपना प्रचार करने में ही लगे रहते हैं, ऐसे लोगों से सचेत रहें। कुछ लोगों को भगवान बुद्ध एवं सम्राट अशोक महान से कोई मतलब नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौर्य साम्राज्य की स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य ने ही की थी, जिन्हें बढ़ावा देने वाले आचार्य चाणक्य थे। जब आप सभी सम्राट अशोक के विषय में बात करते हैं तो चन्द्रगुप्त मौर्य की चर्चा भी जरुर करें। सम्राट अशोक महान, चन्द्रगुप्त मौर्य के पोता थे, जिन्हें जब मौका मिला तो उन्होंने सम्राज्य का काफी विस्तार किया। इस दौरान एक जगह विवाद उत्पन्न होने से जब काफी नुकसान पहुंचा तो उन्होंने क्षेत्र विस्तार से खुद को अलग कर लिया और उनका बौद्ध धर्म से रिश्ता हो गया। सम्राट अशोक महान ने अपने बेटा-बेटी को बौद्ध धर्म के प्रचार में लगा दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्राट अशोक महान की जयंती मनाने के लिए सम्राट अशोक क्लब ने अष्टमी का दिन तय किया। इस पर लोग तरह-तरह की बात करने लगे। हमने कहा कि यह बहुत अच्छा दिन है और राज्य सरकार के द्वारा जयंती के दिन एक दिन के अवकाश की घोषणा की गयी। सम्राट अशोक ने बुद्धिज्म को काफी बढ़ावा दिया।
सीएम ने कहा कि सम्राट अशोक महान की मूर्ति दो हिस्सों में थी। सम्राट अशोक क्लब के सुझाव पर ही विशेषज्ञों की मदद से मूर्ति बनाई गयी जो पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र में स्थापित है। पिछली बार हमने राजकीय तौर पर सम्राट अशोक की प्रतिमा पर माल्यार्पण किये जाने की घोषणा की थी। सम्राट अशोक के शासन काल में तक्षशिला विश्वविद्यालय, नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, कंधार विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। अब तक्षशिला विश्वविद्यालय पाकिस्तान में है जिसे हमने जाकर देखा है। सबसे पहले वहीं विश्वविद्यालय बना था। बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय बना था जिसमें दस हजार से ज्यादा लोग पढ़ते थे, जिसे बाद में ध्वस्त कर दिया गया। हमलोगों ने इसे पुनः अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने का निर्णय लिया और तत्कालीन केंद्र सरकार से इसके लिए आग्रह किया गया। इसके लिए 500 एकड़ जमीन राजगीर में चिन्हित की गयी और अब इसका भवन बनकर तैयार हो गया है। हम चाहते हैं कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम सांसद थे तो देखा कि दिल्ली में विज्ञान भवन है लेकिन बिहार में ऐसा कोई भवन नहीं है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के प्रांगण में ही पांच हजार की क्षमता वाले बापू सभागार का निर्माण कराया गया। इतना बड़ा सभागार देश के किसी बड़े से बड़े राज्य में भी नहीं है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के पिछले हिस्से में सभ्यता द्वार का निर्माण भी कराया गया है जिसमें भगवान बुद्ध, भगवान महावीर और सम्राट अशोक महान से संबंधित शिलालेख है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्राट अशोक का शासन अखंड भारत पर था जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार भी शामिल था। पटना में हमलोगों ने बुद्ध स्मृति पार्क बनवाया है जो पटना जंक्शन के ठीक सामने है। वह काफी सुंदर बना है। हमलोगों ने वहां बुद्धिज्म पर इंटरनेशनल मीटिंग करवाए थे। उस जगह पर पहले कारागार था। जब हम युवा थे तो आन्दोलन के समय हमें वही भेजा जाता था। बाद में जेल दूसरी जगह शिफ्ट हो गया। भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति इसी बिहार के बोधगया में हुई, जहॉ हमलोगों ने महाबोधि कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया है।
