TMC सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन पर अंतरिम रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली- 03 जनवरी। तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने महुआ मोइत्रा के निष्कासन के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

कोर्ट ने कहा कि फिलहाल अंतरिम राहत नहीं दे सकते, ये मामला इतना आसान नहीं है। कोर्ट ने महुआ की संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने की मांग ठुकरा दी है। सुनवाई के दौरान महुआ की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि महुआ को केवल अपने लॉग-इन आईडी साझा करने के कारण निष्कासित किया गया है।

सिंघवी ने कहा कि वह 18 साल तक संसद सदस्य रहे हैं। कोई भी व्यक्ति ऑपरेट करने के लिए सिर्फ पासवर्ड नहीं दे सकता। एक ओटीपी ही सिर्फ उसके पास आती है। यहां पासवर्ड साझा करने के विरुद्ध किसी भी नियम के बिना निष्कासित कर दिया गया। सिंघवी ने कहा कि जो नियम लागू हैं वो हैकिंग से संबंधित हैं। सिंघवी ने कहा कि यह वास्तव में एक सांसद के आरोपों पर आधारित है। विरोधाभासों के बावजूद मुझे बहस करने की अनुमति नहीं मिली। उन्होंने कहा कि हीरानंदानी और जय देहाद्राई के आरोपों में विरोधाभास है। जय देहाद्राई का कहना है कि हीरानंदानी ने सवाल पूछने के लिए दबाव डाला और ऐसे ही आरोप हीरानंदानी ने जय देहाद्राई पर लगाए हैं। हालांकि इस पूरे प्रकरण में धन के लेनदेन की कोई कड़ी नहीं मिली है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या लोकसभा के किसी सदस्य को दबाव डाल कर सवाल पूछने के लिए मजबूर किया जा सकता है। सिंघवी ने कहा कि क्या ऐसे मामूली आधार पर किसी सांसद को निकाला जा सकता है। ओटीपी को महुआ ने अपने नामित सदस्य को ही शेयर किया था।

महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ एथिक्स कमेटी की सिफारिश और उसके बाद लोकसभा से प्रस्ताव पारित होने को गलत बताया है।

उल्लेखनीय है कि 8 दिसंबर को लोकसभा ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी थी। संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए संसद की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी के बारे में सवाल पूछे और अपना लॉग-इन पासवर्ड हीरानंदानी से साझा किया था।

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Author: lakshyatak

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