मधुबनी-21 जुलाई। मधुबनी शहर के 30 वार्डो में से सात में सीएम हर घर नल जल योजना विभिन्न कारणों से शुरू ही नहीं हो सका है। पूर्व नगर परिषद वाले इस एरिया में हर घर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू हुई यह योजना कई तकनीकी कारणों से विफल साबित हो रहा है। योजना में बिजली सप्लाई के प्रबंधन की लचर व्यवस्था, सड़क व नाल निर्माण से होने वाली क्षति पर कोई व्यवस्था नहीं किये जाने, इसके संचालन की समुचित व्यवस्था नहीं होने जैसे कारणों की वजह से यह योजना धरातल पर मूर्त्त रुप नही ले सका है।
इस क्षेत्र के इन तीस वार्डो के लिए दस बार अबतक निविदा का प्रकाशन हो चुका है। शुरू के दिनों में आवंटन के साथ निविदा का प्रकाशन हुआ, तो संवेदकों ने रुचि दिखायी और उस समय में 17 वार्ड में काम शुरू हुआ। पांच वार्डो में लगभग चार साल पहले पानी चलना शुरू हुआ। लेकिन इसके बाद के दिनों में निविदा के प्रकाशन, संवेदकों के निविदा में भाग नहीं लेने, भूमि नहीं मिलने और राशि के हो रहे भुगतान में अनावश्यक हो रही परेशानी की वजह से सात वार्ड में काम शुरू नहीं हो सका। किसी तरह 23 वार्डो में काम शुरू हो सका। विभागीय आंकडों के अनुसार, इस काम के लिए विभिन्न सालों में लगभग11 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ। शुरू के दिनों में संवेदकों की रुचि के कारण वार्ड एक, दो, तीन, चार, पांच में पानी चलना शुरू हो गया। लेकिन इसके बाद के दिनों में कार्यो की गति काफी मंथर हो गयी और काफी मशक्कत के बाद वार्ड वार्ड 24 में कार्य पूरा हो सका और पानी चलना यहां भी शुरू हो सका। इसके अलावे वार्ड 11, 12, 13, 14, 15, 16, 19, 20, 21 वार्ड में निविदा का प्रकाशन हुआ।
वार्ड 22, 23, 25, 26 में भी निविदा का प्रकाशन हुआ। लेकिन इन वार्ड में जो काम हुए उसका भुगतान कर्मियों के स्थानांतरण, संचिका के हस्तांतरण, तकनीकी सर्पोट पीएचईडी व अन्य संबंधित विभाग से नहीं मिलने जैसे विभिन्न कारणों से अटका हुआ है। ऐसे में कार्यो की गति का असर इन वार्डो में पड़ा और कार्य ठप जैसा हो गया है। विगत चार सालों में जहां काम शुरू हुआ उसमें से अधिकतर में बिना पानी चलाए ही अधिकतम राशि का भुगतान कर दिया गया है। वार्ड 13 में हुए भुगतान को लेकर वार्ड पार्षद सीएम जनता दरबार में आवेदन दे रखा है। जिसकी जांच चल रही है। वहीं वार्ड 14 और 20 में संवेदक को 60 फीसदी राशि का भुगतान हो चुका है, पर नल से जल नहीं टपकता है। नगर निगम कार्यालय के पास ही इसका पानी का टंकी बना है, जो हमेशा बंद ही रहता है। वार्ड 19 और 21 के लिए भी यहीं पर पानी का टंकी बनाया गया है। इसकी भी हालत काफी खराब है।
संवेदकों की माने, तो जितना का काम हुआ है उसकी मापी कर भुगतान का प्रावधान हो तो तेजी से काम संभव है। लेकिन यहां पर केवल पैरवी के बूते भुगतान होने की प्रक्रिया रही है। ऐसे में बिना काम करने वाले राशि लेकर फरार है तो काम करने वाले दौड़ लगा रहे हैं। हालांकि विभाग ने दावे को लेकर थर्ड पार्टी जांच के बाद भुगतान का निर्णय लिया है। कनीय अभियंता रवि रंजन ने बताया कि निकाय के प्रावधान के अनुसार बिना पानी चलाए भुगतान नही होना है। जितने अनुपात में नल चालू होगा उसी अनुपात में भुगतान का प्रावधान यहां परहै।