नई दिल्ली- 25 जुलाई। स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों ने कितना रुपया जमा कर रखा है। इसकी जानकारी केंद्र सरकार के पास नहीं है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही। लोकसभा में दीपक बैज और सुरेश नारायण धानोरकर ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों एवं कंपनियों की जमा धनराशि में वृद्धि दर्ज की गई है। इसके लिखित जवाब में सीतारमण ने बताया कि देश के नागरिकों और कंपनियों का स्विस बैंकों में कितना धन जमा है, इसका कोई सरकारी अनुमान नहीं है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा को बताया कि इन मीडिया रिपोर्टो से यह साफ़ नहीं है कि है कि स्विटजरलैंड में कथित तौर पर भारतीयों के जमा कालाधन की मात्रा कितनी है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर स्विस अधिकारियों ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के प्रकाशित आंकड़ों का भारतीय मीडिया स्विस वित्तीय संस्थानों में भारतीय निवासियों की परिसम्पत्तियों की राशि का विश्वसनीय सूचकों के तौर पर नियमित रूप से उल्लेख करता रहता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि विदेशी परिसंपत्तियों से संबंधित पनामा पेपर लीक्स, पैराडाइज पेपर लीक्स और हाल में सामने आए पैंडोरा पेपर लीक्स जैसे मामलों में तेज एवं समन्वित जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक बहु एजेंसी दल (एमएजी) का गठन किया है, जिसमें प्रवर्तन एजेंसियों और संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं।