रेलवे यात्री पी रहे शोचालय में रखा पानी, कोंच के शौचालय में रखी जाती रेल यात्रियों के पीने के पानी की बोतलें

मधुबनी- 01 जनवरी। स्वच्छता का दावा करने वाली रेलवे के अधिकारी स्वच्छता के प्रति गंभीर नहीं है। जयनगर से देश के विभिन्न शहरों के बीच चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के पेंटीकार कर्मी द्वारा रेल यात्रियों को पीने योग्य पानी के बोतल को डिब्बे के शौचालय पर सजा कर रखी जा रही है। सोमवार को जयनगर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस के एसएलआर कोंच के गार्ड केबिन में बने शौचालय में पेंटीकार कर्मी के द्वारा यात्रियों में बिक्री करने वाले पानी के बोतल को रखा जा रहा था।

रेलवे सूत्रों के अनुसार जयनगर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस,जयनगर से नई दिल्ली के बीच चलने वाली स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट एक्सप्रेस एवं जयनगर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुबंई के बीच चलने वाली पवन एक्सप्रेस के पेंटीकार कर्मी द्वारा यात्रियों में पानी बिक्री के लिए रेल नीर के अलावे अन्य कंपनियों के पानी की बोतल लोड किया जाता है। प्रतिदिन लगभग पचास से सौ पेटी पानी का कार्टून लोड किया जाता है। करीब छह सौ से एक हजार तक बोतल को लोड किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि ट्रेन में सिर्फ रेल नीर कंपनी के पानी का बोतल बिक्री करना है। लेकिन पेंटीकार कर्मी द्वारा रेल नीर के बदले अन्य कंपनी के पानी की सस्ते दामों पर खरीदारी कर रेल यात्रियों के बीच बिक्री की जा रही है। मालुम हो कि पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल के अधीन रेलनीर पानी के बोतलों के आपूर्ति के लिए समस्तीपुर व दरभंगा को आईआरसीटीसी द्वारा अधिकृत किया गया। उक्त स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों के पेंटीकार कर्मी द्वारा रेलनीर उठा सकते हैं। लेकिन पेंटीकार कर्मी द्वारा ऐसा नहीं किया जाता। इस संदर्भ में पूछे जाने पर आईआरसीटीसी के प्रबंधक प्रमोद कुमार ने बताया कि किसी भी पेंटीकार में रेल नीर का लोड होगा और रेल यात्रियों को रेल नीर कंपनी का पानी बिक्री करना है। समस्तीपुर मंडल के अधीन दो स्टेशन समस्तीपुर और दरभंगा को रेल नीर के लिए अधिकृत किया गया है। इन दोनों स्टेशनों से ट्रेन गुजरती है। किसी अन्य कंपनी के पानी की बिक्री नहीं होगा। अगर ऐसा होता है, तो आरपीएफ एवं स्टेशन अधीक्षक को कारवाई करनी है।

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Author: lakshyatak

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