मुंबई- 03 जनवरी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री जीतेंद्र आव्हाड ने बुधवार को कहा कि भगवान राम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे। आव्हाड के इस व्यक्तव्य के बाद चर्चा गरमा गई है। भाजपा विधायक राम कदम ने कहा कि राकांपा नेता के इस व्यक्तव्य के बाद शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को भगवान राम के बारे में अपना पक्ष साफ करना चाहिए।
जीतेंद्र आव्हाड ने आज मीडिया को बताया कि 14 साल तक वनवास में रहने वाले राम शाकाहारी कैसे होंगे। इतने वर्षों तक जंगल में रहने के बाद कौन शाकाहारी रहता है..? भगवान राम के काल में चावल का अस्तित्व नहीं था। तो फिर वे क्या खा रहे थे। राम क्षत्रिय थे और क्षत्रियों का भोजन मांसाहारी होता है। इस वजह से मेरे बयान से विवाद होने की संभावना नहीं है।’ अगर कोई मेरे बयान को विवादास्पद कहता है तो कोई मुझे बताए कि क्या राम ने मेथी की सब्जी खाई थी? इस देश में 80 फीसदी लोग मांसाहारी हैं, वे राम भक्त भी हैं।
जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि ‘मैं अपने बयान पर कायम हूं। अगर हम पहले के समय के बारे में अध्ययन करेंगे तो हमें समझ आएगा कि पहले के समय के लोग मांस खाते थे।’ इस समय आव्हाड ने मानव इतिहास का प्रमाण दिया। बताओ जब उग नहीं रहा था तो वे लोग क्या खाते थे? इसका अध्ययन किया जाना चाहिए कि गेहूं और चावल की खेती कब शुरू हुई। इस वजह से राजनीति पढ़ कर करनी चाहिए, ओवरअचीवर बनने की जरूरत नहीं है। वेदों को पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा कि उस समय किस जानवर का मांस खाया जाता था।
