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 ब्रिटेन की हवाई सेवाएं दूसरे दिन भी बाधित, साइबर हमले के अंदेशे को मंत्री ने किया खारिज

लंदन- 29 अगस्त। ब्रिटेन में सोमवार को बंद हुई हवाई सेवाएं दूसरे दिन भी बाधित रहीं। हवाई यातायात सेवा में तकनीकी खराबी की वजह से उपजे इस संकट के पीछे किसी तरह के साइबर हमले की आशंका को ब्रिटेन सरकार के मंत्री ने पूरी तरह खारिज कर दिया है।

सोमवार सुबह ब्रिटेन के हवाई यातायात नियंत्रण कंप्यूटर सिस्टम में नेटवर्क-व्यापी गड़बड़ी हुई थी। उसके कारण सैकड़ों उड़ानों को रद्द करना पड़ा। वैसे स्थिति अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुई है और हवाई सेवाएं दूसरे दिन भी बाधित रहीं। इस कारण पूरे ब्रिटेन में यात्रियों को अपने गंतव्य पर पहुंचने लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे हवाईअड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल है। सैकड़ों उड़ानें गंभीर रूप से बाधित हुईं हैं और हजारों यात्री हवाई अड्डे पर फंसे हैं। इसको लेकर ब्रिटेन सरकार ने मंगलवार को कहा कि तकनीकी मुद्दा तो हल हो गया है लेकिन उड़ानें प्रभावित होती रहेंगी, क्योंकि एयरलाइंस अपने शेड्यूल पर फंसे हुए यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों में समायोजित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

अचानक आए इस संकट के पीछे शुरुआत में साइबर अटैक की आशंका जताई गयी थी। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खासी चर्चाएं होती रहीं। हालांकि बाद में ब्रिटेन सरकार में मंत्री मार्क हार्पर ने किसी तरह के साइबर अटैक की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सोमवार को हुई इस हवाई यातायात नियंत्रण की गड़बड़ी के पीछे साइबर अटैक नहीं था। हार्पर ने बताया कि लगभग एक दशक से इस पैमाने पर कुछ नहीं हुआ है, आमतौर पर सिस्टम बहुत अच्छा काम करता है। उन्होंने कहा कि हमारे तकनीकी विशेषज्ञों ने इसे देखा है और यह स्पष्ट है कि यह कोई साइबर सुरक्षा घटना नहीं थी। मंत्री ने कहा कि जो कुछ हुआ, उसकी स्वतंत्र समीक्षा होगी और आने वाले दिनों में एक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। सिस्टम को सोमवार दोपहर को ठीक कर लिया गया था और चीजें सामान्य हो रही हैं लेकिन जाहिर तौर पर कुछ व्यवधान है, जो लोगों के लिए आज भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे संकट से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। साथ ही उम्मीद जताई कि एयरलाइंस अपनी जिम्मेदारियों के प्रति आगे बढ़ेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि वे लोगों को उनके गंतव्य तक ले जाएं, उन्हें वैकल्पिक उड़ान पर ले जाएं और इस बीच भोजन, पेय और आवास की व्यवस्था करें।

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Author: lakshyatak

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