नई दिल्ली- 27 जनवरी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शनिवार को कहा कि वाराणसी की अदालत में पेश की गई ज्ञानवापी परिसर की एएसआई सर्वे की रिपोर्ट मामले में कोई अंतिम सबूत नहीं है। बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने एक बयान में कहा कि ज्ञानवापी से संबंधित हिंदू पक्ष और दूसरे संगठन वर्षों से लगातार जनता को गुमराह कर रहे हैं। इसकी ताजा मिसाल एएसआई की वह रिपोर्ट है जो इसने अदालत में दाखिल की है। सर्वे की इस रिपोर्ट को अदालत के ही आदेश पर सभी पक्षों को उपलब्ध कराया गया है। यह रिपोर्ट सभी पक्षों को मामले की तैयारी के लिए उपलब्ध कराया गया है लेकिन विरोधी पक्ष ने इसको मीडिया में गलत तरीके से जारी करके इसका लाभ उठाने का प्रयास किया है।
उनका कहना है कि यह अदालत की अवमानना का भी मामला बनता है। देश की जनता को सीधे-साधे इस रिपोर्ट के जरिए गुमराह करने की भी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पूर्व जब सर्वे टीम ने वजूखाने में मौजूद फव्वारे को अपनी रिपोर्ट में शिवलिंग करार दिया था, उस वक्त भी विरोधी पक्ष ने इसका खूब प्रचार-प्रसार किया था और जनता को गुमराह करने की कोशिश की थी।
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