नई दिल्ली- 05 अक्टूबर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि बीते 09 वर्षों में आतंकी घटनाओं में काफी कमी आई है। मोदी सरकार ने देश में आतंकवाद के सभी स्वरूपों पर मजबूती से नकेल कसी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
अमित शाह दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद निरोधी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें एक कॉमन ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाने की दिशा में काम करना होगा। जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की कार्यपद्धति में एकरूपता लाई जा सके। शाह ने 94 प्रतिशत से अधिक दोष सिद्धि दर हासिल करने के लिए एनआईए की प्रशंसा भी की।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में आतंकी घटनाओं की संख्या 6000 थी, जिसे वर्ष 2022 में घटाकर 900 तक लाने का काम मोदी सरकार ने किया है। मोदी सरकार आतंक के हर स्वरूप को नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता हासिल हुई है। इन उपलब्धियों में एनसीबी के नेतृत्व में इसी वर्ष चलाया गया ऑपरेशन समुद्रगुप्त शामिल है। इस दौरान केरल में लगभग 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की 2,500 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त की गई थी। इसके अलावा 10 लाख किलोग्राम ड्रग्स नष्ट किए जा चुके हैं।
शाह ने कहा कि इन्टर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) 99.93 फीसदी यानी 16,733 पुलिस स्टेशनों में सीसीटीएनएस लागू, ई-कोर्ट से 22 हजार अदालतें जुड़ गई हैं और ई-प्रिजन से लगभग 02 करोड़ कैदी डेटा उपलब्ध, ई-प्रॉसिक्यूशन से 01 करोड़ से अधिक अभियोजन डेटा उपलब्ध और ई-फोरेंसिक से 17 लाख से अधिक फोरेंसिक डेटा। इसी प्रकार, नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) में 90 लाख से अधिक फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड दर्ज हैं। इंटिग्रेटेड मॉनीटरिंग ऑफ टेररिज्म के तहत यूएपीए रजिस्टर्ड मामलों की मॉनिटरिंग के लिए 22 हजार आतंकवादी मामलों का डाटा उपलब्ध है। निदान यानी नेशनल इंटीग्रेटेड डेटाबेस ऑन अरेस्टेड नार्को-ओफेंडर के तहत 05 लाख से अधिक नार्को-ओफेंडर का डाटा उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक, केंद्रीय गृह सचिव, एनआईए के महानिदेशक सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, राज्यों के पुलिस महानिदेशक, केंद्र एवं राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
