[the_ad id='16714']

PM मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस पर झारखंड के खूंटी में परियोजनाओं की दी सौगात

खूंटी (झारखंड)- 15 नवंबर। जनजातीय गौरव दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 49 हजार करोड़ की जनजातीय कल्याण एवं विकास परियोजनाओं की सौगात दी। साथ ही विकसित भारत संकल्प यात्रा का आगाज किया। इसके अलावा पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान की शुरूआत की। उन्होंने आठ करोड़ लाभार्थियों के लिए पीएम किसान निधि की 15वीं किस्त भी जारी की।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिए 24,000 करोड़ रुपये की योजनाओं की भी शुरुआत बटन दबाकर डिजिटल रूप से की। साथ ही विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीएम पीवीटीजी) मिशन की शुरुआत की, जिसके दायरे में लगभग 28 लाख पीवीटीजी आएंगे। मिशन के तहत पीवीटीजी क्षेत्रों में सड़क और टेलीकॉम कनेक्टिविटी, पावर, सुरक्षित घर, साफ पीने का पानी और सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और टिकाऊ रहन-सहन के मौके जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

प्रधानमंत्री बुधवार को जनजातीय गौरव के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू पहंचे। बिरसा ओड़ा में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया और वहां की मिट्टी का तिलक लगाया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी धरती आबा को नमन किया। मोदी ने उलिहातू के बाद खूंटी के बिरसा कॉलेज परिसर स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया।

विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पीएम जनमन योजना के तहत सबसे पिछड़े आदिवासियों तक सरकार पहुंचने वाली है, जिन्हें अब तक नजर अंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प का एक प्रमुख आधार है। पीएम जनमन यानी पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान। उन्होंने कहा कि मोदी हिम्मत करके निकला है, आदिवासी न्याय अभिमान लेकर। आजादी के बाद कई दशकों तक आदिवासी समाज को नजरअंदाज किया गया। अटल बिहारी की सरकार ने आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया और बजट दिया। हमारी सरकार के दौरान अब आदिवासी कल्याण का बजट पहले के मुकाबले काफी बढ़ चुका है।

22 हजार गांवों के आदिवासियों पर खर्च होंगे 24 हजार करोड़—

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम जनमन के तहत सरकार उन आदिवासी भाई-बहनों तक पहुंचेगी, जिन तक अभी नहीं पहुंचा गया है। ये वे जनजातीय समूह हैं, जिनमें से अधिकतर लोग अब भी जंगलों में रहने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि ये लोग रेल को देखने की बात छोड़ो, उसकी आवाज भी नहीं सुनी है। देश के 22 हजार से ज्यादा गांवों में रह रहे ऐसे 75 जनजातीय समुदाय की पहचान सरकार ने की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासियों को सुविधाएं नहीं मिली।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद ऐसे वीरों के साथ न्याय नहीं हुआ। मुझे संतोष है कि आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव के दौरान हमने ऐसे वीरों को याद किया। झारखंड आना मुझे पुरानी यादों को ताजा करने का अवसर देता है। आयुष्मान योजना की शुरुआत झारखंड से ही की थी। आज झारखंड की पावन भूमि से एक नहीं बल्कि दो ऐतिहासिक अभियानों शुरुआत होने जा रही है। विकसित भारत यात्रा, सेचुरेशन सरकार के लक्ष्यों को प्राप्त करने का सशक्त माध्यम बनेगी। पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान से आदिवासियों के साथ न्याय हो सकेगा।

कर्ज चुकाने आया हूं—

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने कभी समाज के आखिरी व्यक्ति का नमक खाया है। मैं आज भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर वह कर्ज चुकाने आया हूं। उन्होंने कहा कि देश के 18,000 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। उन्हें अंधेरे में जीने के लिए छोड़ दिया गया था। क्योंकि, वहां बिजली पहुंचाने के लिए कई तरह की मुश्किलें थी। मोदी ने कहा कि मक्खन पर लकीर तो सभी खींचते हैं लेकिन हम पत्थर पर लकीर खींचने में लगे हैं।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Rashifal

error: Content is protected !!