आस्ट्रेलिया में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री बोले-सोनम जैसी पत्नियों की करतूत देख डरने लगे हैं हम जैसे अविवाहित पुरुष

भोपाल- 12 जून। मध्य प्रदेश के इंदौर के ट्रांसफोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की मेघालय में हुई हत्या के मामले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में कथा के दौरान कहा कि अभी भारत में तो पत्नियों का बड़ा ट्रेंड चल रहा है। एक से एक खतरनाक नीले ड्रम वाली देवियां निकल रही हैं। अभी कल नई खबर आई सोनम की…। इससे हमारे जैसे अविवाहित पुरुष डरने लगे हैं। पहले लगता था अरेंज मैरिज सही है। फिर लगा कि लव मैरिज सही है। अब दोनों ही बेकार लगने लगी। जब से यह राजा वाला कांड सुना है। बड़ा बेकार है।

दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। गुरुवार को उनका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें उन्होंने भारत में हो रही शादियों के बाद मर्डर की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना के बाद अविवाहित पुरुषों में डर का माहौल है। हम भी शादी से डरने लगे हैं। यह वीडियो बुधवार को सिडनी में उनकी कथा का बताया जा रहा है।

वीडियो में पंडित धीरेंद्र शास्त्री कह रहे हैं कि एक से एक खतरनाक नीले ड्रम वाली देवियां निकल रही हैं। तुमने सुना नहीं भारत की न्यूजों को। अभी हाल ही में एक नई खबर सामने आई सोनम की…। देखो तो तुम कहानियां, इससे हमारे जैसे अविवाहित पुरुष डरने लगे हैं। पहले लगता था कि अरेंज मैरिज सही है, फिर लगता था लव मैरिज सही है। अब दोनों ही बेकार लग रही हैं। जब से यह राजा वाला कांड सुना है, बड़ा बेकार लग रहा है। हमने सुना है लुगाइयों के सामने बुद्धि और शक्ति दोनों नहीं चलती, यह बात हमको सिडनी के ही प्रभावित पुरुष ने बताई है।

उन्होंने कहा कि आज का एक विचार हमने पढ़ा है, चाय और चरित्र। चाय गिरती है तो दाग छूटता नहीं है। इसी तरह चरित्र के गिरने का दाग भी कभी नहीं छूटता है। इसलिए कुछ भी तोड़ो, लेकिन किसी का विश्वास मत तोड़ो। यह कभी जुड़ नहीं पाता है। बंगला, गाड़ी, महंगी चीजें… टूटने पर सबकुछ जोड़ा जा सकता है, नया लाया जा सकता है, लेकिन भरोसा टूट जाए तो जोड़ा नहीं जा सकता है। अपने माता-पिता, गुरु, स्वामी, पति या पत्नी किसी का भरोसा नहीं टूटने देना।

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Author: lakshyatak

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