
नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव पर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों में टकराव बढ़ा
काठमांडू- 19 फरवरी। नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सत्ताधारी गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों- सीपीएन (एमसी) और सीपीएन (यूएमएल) के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रपति पद के लिए किसे नामित किया, इस पर दोनों दल अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। इस कारण गठबंधन सरकार पर भी संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं।
प्रधानमंत्री एवं सीपीएन (एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने रविवार को लोकतंत्र दिवस पर टुंडीखेल परिसर में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति चुनाव के मसले पर व्यापक राष्ट्रीय सहमति के अपने रुख को फिर दोहराया। प्रचंड ने कहा कि देश की आज की आवश्यकता राष्ट्रीय सहमति है।
दूसरी ओर, सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दावा किया कि उनकी पार्टी का उम्मीदवार ही राष्ट्रपति बनेगा। ओली ने रविवार को विराटनगर में पत्रकारों से कहा कि हम जिसे भी उम्मीदवार बनाएंगे वही राष्ट्रपति चुनाव जीतेगा। उम्मीदवार का नाम 25 फरवरी को सार्वजनिक किया जाएगा।
ओली ने 25 दिसंबर को सीपीएन (एमसी) के साथ हुए समझौते का जिक्र कर कहा कि इसमें प्रचंड को प्रधानमंत्री और सीपीएन (यूएमएल) उम्मीदवार को राष्ट्रपति एवं प्रतिनिधि सभा का स्पीकर बनाने की बात कही गई थी। सरकार गठन के बाद सीपीएन (यूएमएल) को स्पीकर पद मिला भी, लेकिन राष्ट्रपति पद प्रचंड सीपीएन (यूएमएल) को देने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि, माओवादी नेता अब कहने लगे हैं कि उन्हें इस समझौते की कोई जानकारी नहीं है।



