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वाइब्रेंट गुजरात समिट: आने वाले समय में भारत में एक हजार से अधिक हवाई जहाज आएंगे: जनरल वीके सिंह

गांधीनगर- 10 जनवरी। 10वीं वाइब्रेंट गुजरात समिट के पहले दिन केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह की उपस्थिति में एयरक्राफ्ट एंड एविएशन एंसीलियरी मैन्युफैक्चरिंग एंड अपॉर्चुनिटीज इन गुजरात विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ।

सेमिनार में अपने संबोधन में केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ वी.के. सिंह ने क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी पर बल देते हुए कहा कि एविएशन में छोटे एयरक्राफ्ट के अधिक अवसर विद्यमान हैं। गुजरात में छोटे-छोटे एयरक्राफ्ट से अधिक कनेक्टिविटी मिल सकती है। एविएशन इंडस्ट्री में भारत का इकोसिस्टम अच्छा है। आने वाले समय में भारत में 1000 से अधिक हवाई जहाज आएंगे। वर्ष 2014 में केवल 70 एयरक्राफ्ट थे, जो आज बढ़ कर 149 एयरक्राफ्ट हो गए हैं। आगामी समय में मेंटेनेंस, रिपेयरिंग तथा ओवरऑल (एमआरओ) क्षेत्र में विपुल अवसर रहे हैं।

एयर कार्गो के बारे में वीके सिंह ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र पर अधिक फोकस किया है, जिससे क्षमता में वृद्धि हुई है और इकोनॉमिक ग्रोथ में बड़े एयर कारगो का विशेष योगदान रहा है। भारत में एमआरओ का दो बिलियन डॉलर से अधिक का बिजनेस है। डोमेस्टिक एमआरओ बिजनेस को वेगवान करने के लिए जीएसटी दर घटा कर पांच प्रतिशत किया गया है और एमआरओ के इकोसिस्ट को वेगवान बनाने के लिए एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य की गई है। एविएशन इंडस्ट्रीज में एमआरओ के स्पेशल टूल्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी पूरी तरह खत्म कर दी गई है। भारत के पास क्षमता है, खासकर छोटे एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर्स तथा एमआरओ के क्षेत्र में विकास के नए अवसर जुड़ेंगे। पिछले 10 वर्षों में नई सिविल एविएशन पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, हेलीकॉप्टर पॉलिसी क्रियान्वित की गई है। आने वाले समय में हेलीकॉप्टर सेवा क्षेत्र में कई अवसर हैं और फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन को काफी राहत दी गई है, जिससे अधिक से अधिक पायलट बन सकें। उन्होंने आगे कहा कि भारत में महिला पायलट की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है, जो हम सबके लिए गौरव की बात है।

इस अवसर पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सुजोय डे ने बताया कि गुजरात सरकार तथा ऑथोरिटी साथ मिल कर 11 ग्रीनफील्ड एयर ट्रिप्स बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धोलेरा ग्रीनफील्ड एयर ट्रिप्स का कार्य प्रगति पर है। हाल में छोटे-बड़े मिला कर 10 एयर फील्ड गुजरात में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के कई एयरपोर्ट के पास विस्तार की क्षमता है, जिस दिशा में कार्य हो रहा है। विशेषकर सूरत,कंडला,केशोद,पोरबंदर,राजकोट, भावनगर, भुज तथा जामनगर के नामों का उल्लेख करते हुए डे ने कहा कि इन एयरपोर्ट पर भविष्य में बड़े एयरक्राफ्ट लैंड करेंगे।

पवन हंस हेलीकॉप्टर के चेयरमैन व एमडी संजीव राजदान ने गुजरात में एविएशन इंडस्ट्री में कई अवसर उभर रहे हैं। उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात की प्रशंसा करते हुए जोड़ा कि एयर ट्रैफिक को गति दें,तो अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय एवं रोजगार के नए अवसर उभरेंगे और अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय एयर कनेक्टिविटी से टूरिज्म में वृद्धि हो सकती है। भारत के पास MRO को विकसित करने की क्षमता है, क्योंकि भारत में एमआरओ की मांग अधिक है और लो कोस्ट मैन पावर आसानी से मिल सकता है। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में हेलीकॉप्टर की मांग बढ़ी है, क्योंकि हेलीकॉप्टर के जरिये सुदूरवर्ती क्षेत्र को आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है और साथ ही आपातकालीन समय में वह उपयोगी सिद्ध हो रहा है। हेलीकॉप्टर सेवा आंतरिक क्षेत्र के लिए लाइफलाइन सिद्ध हो रही है। स्किल डेवलपमेंट के अवसर पैदा करने से अधिक इंजीनियर्स उपलब्ध होंगे। उन्होंने राज्य सरकार के साथ एमओयू करने के संकेत दिए।

गुजरात सरकार के पर्यटन विभाग के सचिव हारीत शुक्ला ने कहा कि गुजरात का नागरिक उड्डयन क्षेत्र निवेशकों व सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए उत्तम क्षेत्र बनेगा। उन्होंने कहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के विस्तार से गुजरात का आर्थिक विकास, उत्पादन एवं कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ी है। गिफ्ट सिटी में एविएशन इंडस्ट्री डेवलप होगी, जिससे रोजगार का सृजन होगा और इकोनॉमिक ग्रोथ में सहयोग मिलेगा। गुजरात में एयरक्राफ्ट के रणनीतिक आयोजन के फलस्वरूप गुजरात के एयरोस्पेस उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव बढ़े हैं। इस सेमिनार में दो सत्रों में गुजरात एयरक्राफ्ट एंड एविएशन एंसीलियरी मैन्युफैक्चरिंग एंड एमआरओ के अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया। विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों,विद्यार्थियों,देश-विदेश के प्रतिनिधियों ने सेमिनार में हुई चर्चा में भाग लिया। अडानी लीड्स,अडानी डिफेंस तथा एयरोस्पेस के एमआरओ लीडर जीआर धरणीधर,बीसी इंस्ट्रूमेंट इंडिया प्रा.लि.के एमडी-प्रेसीडेंट सुनील दवे के अलावा संकेत चतुर्वेदी,वेंकट कटकुरी आदि महानुभावों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

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Author: lakshyatak

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