नेपाल- 03 मार्च। नेपाल के सत्तारूढ़ दलों के बीच अविश्वास का संकट और अधिक गहराता जा रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री सत्तारूढ़ घटक दलों से अधिक विपक्षी नेताओं को समय दे रहे हैं। प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला जारी है। प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड ने रविवार सुबह प्रमुख विपक्षी नेता केपी शर्मा ओली और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने से मुलाकात की है। तीनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे की बातचीत हुई है।
प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविन्द आचार्य ने इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके बीच में सत्य निरूपण तथा मेलमिलाप आयोग को लेकर चर्चा हुई है। इस मुलाकात में तीनों प्रमुख नेताओं के बीच राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने के बारे में उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोगों की मुलाकात में राजनीति की चर्चा स्वाभाविक है।
प्रधानमंत्री के निकट विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दल के नेता केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री को यह विश्वास दिया है कि यदि माओवादी पार्टी राष्ट्रीय सभा अध्यक्ष पद को लेकर अपना उम्मीदवार खड़ा करती है तो एमाले पार्टी उसे समर्थन देने को तैयार है। इसी तरह रवि लामिछाने के साथ भी प्रधानमंत्री ने समर्थन और सहयोग मांगा है। लामिछाने की स्वतंत्र पार्टी के पास इस समय 21 सांसद हैं।
मुलाकात के बारे में रवि लामिछाने ने बस बताया कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति जिस तेजी से बदल रही है उस पर चर्चा होने के साथ प्रधानमंत्री ने सरकार को सहयोग करने की बात कही है। बातचीत बहुत सकारात्मक होने की बात उन्होंने कही।
275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में बहुमत के लिए 138 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होगी। माओवादी के पास 32 सांसद हैं। प्रमुख विपक्षी दल के नेता ओली की पार्टी के पास 78 सांसद हैं। स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों को मिला कर बहुमत से थोड़ा कम रहता है। इसी बीच प्रधानमंत्री ने जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव के साथ बातचीत की है। इस समय सत्तारूढ़ गठबन्धन में रहे जसपा के पास 12 सांसद हैं।