दिल्ली नहीं समझती चम्पारण का महत्व, जिंदा रहेगे तब तक रहेगा यहां से लगाव: CM नीतीश कुमार

पूर्वी चंपारण- 19 अक्टूबर। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल होने गुरुवार को मोतिहारी पहुंचे मुख्यमंत्री ने केविवि के शेष भूमी के अधिग्रहण के लिए बड़ी घोषणा कर सबको चौका दिया।

उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा विवि के भवन निर्माण के लिए तीन दिनो के अंदर शेष जमीन उपलब्ध करा दिया जायेगा।


नीतीश कुमार ने कहा कि अब मात्र तीन दिन के अंदर महात्मा गांधी केंद्रीय विश्व विद्यालय के लिए भूमि उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होने अपने अंदाज में कहा कि चाहे कोई कुछ कहे पर जब तक हम हैं तबतक चंपारण से हम जुड़े रहेंगे। चाहे आप वोटवा किसी को भी दीजिये पर लगाव आपसे हमारा हमेशा रहेगा और जबतक हम रहेंगे यहां के लिए कार्य करेंगे। पर क्या करें दिल्ली वाले चंपारण के महत्व को नहीं समझते हैं। हालांकि उनकी इस तरह के बयान से सियासी बाजार गर्म हो गया है।

उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय कि 2007 में खोलने की बात की गई थी। जबकि 2009 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया। हमारी पूर्ण इच्छा थी कि चंपारण में इसकी शुरुआत हो। क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1917 में जब चंपारण आए थे तब यहां के लोगों ने आग्रह किया था कि विद्यालय का निर्माण हो। तब बापू ने चंपारण में कई बुनियादी विद्यालयों की स्थापना कर शिक्षा का अलख जगाया था।उन्होंने आजादी दिलाने का काम चंपारण से किया था। हमने भी सरकार बनाने के पहले अपने आंदोलन का आगाज यही से किया था। केविवि निर्माण के बारे में केंद्रीय मंत्री से जाकर व्यक्तिगत तौर पर मिले। लेकिन उन्होंने कहा कि गया में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। चंपारण इसके निर्माण के लिए ठीक नहीं है। तब हमने कहा कि चंपारण में भी बनवाइए और गया में भी बनवा दीजिए। जमीन हम उपलब्ध कराएंगे।

सीएम ने कहा कि सर्वप्रथम हमने ही चंपारण का प्रस्ताव सरकार को दिया और 2014 में इसकी स्वीकृति मिली 2016 से काम शुरू हुआ। हम तो चाहते हैं कि जल्द से जल्द विश्वविद्यालय का भवन निर्माण हो 113 एकड़ जमीन उपलब्ध हो चुकी हैं। 303 एकड़ विश्वविद्यालय के लिए जमीन चाहिए, अब राज्य सरकार अपनी तरफ से, जमीन उपलब्ध करायेगी। उन्होने कहा कि जमीन के अतिरिक्त बिहार सरकार इसके भवन निर्माण की दिशा में भी मदद करेगी। पठन-पाठन के अलावें छात्र-छात्रो व शिक्षको के आवासन सभी तरह की सुविधाओं से इसे लैस किया जायेगा।

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Author: lakshyatak

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