मणिपुर सरकार ने शर्तों के साथ कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के आयोजन स्थल को दी मंजूरी

इंफाल- 10 जनवरी। मणिपुर सरकार ने कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के आयोजन स्थल को शर्तों के तहत मंजूरी दे दी है। यह निर्धारित किया गया है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ ‘सीमित प्रतिभागियों’ की उपस्थिति में आयोजित की जानी चाहिए। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मेघचंद्र ने इस खबर की जानकारी दी।

ज्ञात हो कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार दोपहर नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में शिकायत की कि मणिपुर सरकार ने मणिपुर की राजधानी इंफाल के पैलेस ग्राउंड से कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की अनुमति नहीं दी। उन्होंने मणिपुर सरकार की भी निंदा की। हालांकि, उन्होंने ऐलान किया कि फैसले के मुताबिक यात्रा मणिपुर से शुरू की जाएगी। वेणुगोपाल ने कहा, मैं यह यात्रा मणिपुर में किसी अन्य स्थान से शुरू करूंगा।

पार्टी के केंद्रीय नेता के अलावा मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और विधायक के मेघचंद्र ने भी राज्य सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि पैलेस ग्राउंड में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की अपील को खारिज करने के बाद उन्होंने थौबल जिले के खोंगजोम में एक निजी स्थल चुना। वहीं से पार्टी के केंद्रीय नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू होगी।

हालांकि, मेघचंद्र ने शाम को कहा कि पार्टी के राज्य नेताओं के एक प्रतिनिधि समूह ने बुधवार को मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह से उनके कार्यालय परिसर-सह-बंगले में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि उनकी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बड़ी सभाओं की अनुमति नहीं दे सकती।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, कुछ चर्चा के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस मामले पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, इसके बाद राज्य सरकार ने शाम को कुछ शर्तें के तहत इंफाल पूर्वी जिले के हप्ता कांगजीबुंग मैदान से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के संचालन को मंजूरी दे दी है।

गौरतलब है कि इंफाल के पूर्वी जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ”किसी भी अप्रिय घटना और कानून-व्यवस्था में व्यवधान से बचने के लिए, 14 जनवरी को सीमित संख्या में प्रतिभागियों के साथ यात्रा शुरू करने की अनुमति दी गई है।”

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Author: lakshyatak

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