क्राइमबिहारभारत

शराबबंदी वाले बिहार में शराब का तांडव, बेतिया व गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या पहुंची-32

पटना- 05 नवंबर । बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बेतिया व गोपालगंज में बीते दो दिनों के अंदर मौत का आंकड़ा बढ़कर 32 हो गया है जबकि कई बीमार लोगों का स्थानीय निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बेतिया में गुरुवार को जहां 8 लोगों के मौत की खबर सामने आई थी, वह अब बढ़कर 12 हो गई है। अस्पताल में भर्ती चार और लोगों ने दम तोड़ दिया। अभी भी कई लोग बीमार बताये जा रहे हैं, जिनका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है। गोपालगंज में भी मृतकों की संख्या बढ़कर 20 पहुंच गई है। वही विगत दिनों मुजफफरपुर में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हुई थी। सुत्रों की मानें,तो बेतिया व गोपालगंज में कई परिवार ने प्रषासन को बना बताए शव का अंतिम कार्य कर दिया।

दरअसल, दिवाली की सुबह पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में नौतन थाना क्षेत्र अंतर्गत दक्षिणी तेलहुवा पंचायत में जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई थी। कई बीमार लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा था। इन्हीं लोगों में से जीएमसीएच में भर्ती चार और लोगों की मौत अलसुबह हो गई। पुलिस ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि शुक्रवार अहले सुबह हुई चार लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। अभी कुछ और लोग बीमार बताये जा रहे हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।

राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकांश शव बिना पोस्टमॉर्टम कराये ही जला रही है। प्रतिपक्ष के नेता ने सवाल किया कि इन मौतों के जिम्मेदार क्या शराबबंदी का ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं हैं? उधर, जदयू ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी अप्रवासी बिहारी हैं। उन्हें बिहार की स्थिति की जानकारी नहीं है।

बेतिया प्रशासन के मुताबिक लोगों के पास शराब कहां से आई, इसकी छानबीन चल रही है। फिलहाल पता चला है कि इलाके में चल रहे किसी देसी चुल्हाई से शराब पी गई थी। देर रात तबीयत बिगड़ने पर इन लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिनमें से 12 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। डीएम कुंदन कुमार का कहना है कि मामला संदिग्ध लग रहा है, फिलहाल मेडिकल टीम भेजकर जांच करवाई जा रही है।

शराबबंदी के बाद से नहीं रुका सिलसिला—

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 5 अप्रैल, 2016 को शराबबंदी हुई थी और तब से अब तक 123 लोगों की मौत जहरीली शराब से हो चुकी है। इस साल मामला रिकॉर्ड तोड़ रहा है, क्योंकि जनवरी से अब तक 89 लोगों की इससे मौत हुई है। 2016 से 2020 तक 35 लोगों की मौत हुई थी। बीते 48 घंटों में ही 23 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।

खजूरबनी शराबकांड में 9 को मिली फांसी की सजा —

उल्लेखनीय है कि 2016 से अब तक सिर्फ गोपालगंज में 36 लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात सामने आ रही है। इसमें इस साल की 17 मौतें भी शामिल हैं। इससे पहले 2016 में 19 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी। 15-16 अगस्त, 2016 को खजूरबनी में यह घटना हुई थी, इसकी पुष्टि कोर्ट में हो गई थी। मामले में 5 मार्च, 2021 को स्पेशल कोर्ट ने 13 लोगों को सजा भी सुना दी। ये पहली बार था, जब शराब कांड में 9 को फांसी दी गई, जबकि 4 को उम्रकैद हुई थी।

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