JNU छात्रसंघ चुनाव में ABVP ने लहराया परचम

नई दिल्ली- 27 अप्रैल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय के 16 स्कूलों और विभिन्न संयुक्त केंद्रों के कुल 42 काउंसलर पदों में से 23 पदों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। यह किसी भी अन्य छात्र संगठन की तुलना में सर्वाधिक है।

अभाविप जेएनयू के इकाई अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने बताया कि रविवार काे “अभाविप ने जेएनयूएसयू काउंसिल में 42 में से 23 सीटों पर विजय प्राप्त कर काउंसिल में पचास प्रतिशत से अधिक की उपस्थिति पर कब्जा कर लिया है, जिससे जेएनयूएसयू द्वारा किए जाने वाले फैसलों में अब अभाविप की अहम जगह प्राप्त हो सकेगी। यह विजय एबीवीपी के रूप में उस सकारात्मक बदलाव की विजय है जिसे जेएनयू के छात्रों ने चुना है।”

अभाविप के विजयी प्रदर्शन का विवरण—

-स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज: 5 में से 2 सीटों पर जीत।

-स्कूल ऑफ सोशल साइंस: 5 में से 2 सीटों पर जीत।

-स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी: 2 में से 1 सीट पर जीत।

-स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन: 1 में से 1 सीट पर जीत।

-स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंस: 2 में से 1 सीट पर जीत।

-स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंस: 3 में से 2 सीटों पर जीत।

-स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग: 4 में से 4 सीटों पर विजय (सभी सीटों पर कब्जा)

-स्पेशल सेंटर फॉर नैनोसाइंस: 1 में से 1 सीट पर जीत।

-स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज: 3 में से 3 सीटों पर जीत। (पूर्ण बहुमत)

-अमलगमेटेड सेंटर: 2 में से 2 सीटों पर जीत।

-स्कूल ऑफ एनवायरनमेंटल साइंस: 2 में से 1 सीट पर जीत।

-अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप: 1 में से 1 सीट पर जीत।

-स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस: 3 में से 2 सीटों पर जीत।

इस चुनाव में अभाविप की दो ऐतिहासिक सफलताएं—

-स्कूल ऑफ सोशल साइंस, जिसे जेएनयू में वामपंथ का गढ़ माना जाता रहा है, वहां अभाविप ने 25 वर्षों बाद दो सीटों पर विजय प्राप्त कर एक ऐतिहासिक बदलाव का संकेत दिया है।

-इसी प्रकार, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जो लंबे समय से वामपंथी प्रभाव का प्रमुख केंद्र रहा है, वहां भी एबीवीपी ने दो सीटों पर विजय हासिल कर नई राजनीतिक धारा को स्थापित किया है।

इसके अतिरिक्त, केंद्रीय पैनल की चारों प्रमुख सीटों अध्यक्ष- शिखा स्वराज, उपाध्यक्ष- निट्टू गौतम, महासचिव- कुणाल राय और संयुक्त सचिव-वैभव मीणा शुरू से ही बढ़त बनाए हुए हैं।

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Author: lakshyatak

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