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राजस्थान में कोरोना के 397 मामले, 3 की मौत, राज्यपाल भी हुए कोरोना संक्रमित

जयपुर- 14 अप्रैल। राजस्थान में कोरोना महामारी के संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। अप्रैल के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक प्रदेश में जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ा है और संक्रमण के कारण जिस तरह मरीजों की मौतें हुई हैं, उससे सरकार के साथ-साथ अब चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही डॉक्टर्स को निर्देश दिए है कि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखे, उनकी जांच जरूर करवाएं। राज्य में पिछले महीने तक रोजाना औसतन दो हजार लोगों के टेस्ट होते थे, जो बढ़कर अब तीन हजार से ज्यादा होने लगे हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में शुक्रवार को कोरोना के 397 नए मामले मिले, जबकि तीन मरीजों की मौत हुई है। चूरू, हनुमानगढ़ और जयपुर जिले में संक्रमण से एक-एक मौत हुई। रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को 7908 लोगों के सैंपल की जांच की गई थी। इनमें से 397 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसमें जयपुर में 85 मामले मिले, जबकि जोधपुर में 44, झालावाड़ में 42, सीकर में 30, उदयपुर में 31, अजमेर में 29, नागौर में 22, चित्तौड़गढ़ में 11, बीकानेर में 32, प्रतापगढ़ में 13 और अलवर में 13 नए मामले सामने आए। प्रदेश में शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। राजभवन की ओर से इसकी जानकारी दी गई। राज्यपाल ने एक दिन पहले ही जयपुर में बिरला सभागार में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। पॉजिटिव आने के बाद राज्यपाल ने बीते एक-दो दिनों में उनके संपर्क में आए लोगों से अपनी कोरोना जांच करवाने की अपील की है।

राज्य में इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई जनप्रतिनिधि कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा की पुत्रवधु कोरोना पॉजिटिव हो चुकी है। चिकित्सकों का कहना है कि राजस्थान में अभी जो केस बढ़ रहे हैं, उसमें ज्यादातर मामले नए वैरिएंट एक्सबीबी 1.16 के हैं। जो काफी तेजी से फैलने वाला वैरियंट है। राहत की बात ये है कि इसकी चपेट में आने वाले ज्यादा मरीजों में केवल हल्के खांसी-बुखार, जुकाम के लक्षण दिख रहे हैं। खांसी के अलावा शरीर में थकान और कमजोरी भी महसूस हो रही है। इस संक्रमण से खुद ही तीन-चार दिन में ठीक हो रहे हैं।

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