भारत

आदर्श डिजिटल गांव निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं NIT जैसे संस्थानः राष्ट्रपति

नई दिल्ली- 19 नवंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जैसे उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थान देश में आदर्श डिजिटल गांवों के निर्माण में अहम योगदान दे सकते हैं। ये संस्थान सरल तकनीकी समाधान विकसित कर ग्रामीण क्षेत्रों तक तकनीक की पहुंच सुनिश्चित कर सकते हैं, लोगों को डिजिटल कौशल सिखा सकते हैं और उद्योगों के सहयोग से गांवों में बेहतर सुविधाओं के विकास को गति दे सकते हैं।

राष्ट्रपति बुधवार को एनआईटी दिल्ली के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान ने देश में तकनीक को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है और इसके माध्यम से अनगिनत अवसरों के नए द्वार खुले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों तक तेज इंटरनेट, डिजिटल सेवाओं और आधुनिक तकनीकी सुविधाओं के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है, ताकि हर नागरिक को समान अवसर मिल सके।

राष्ट्रपति मुर्मु ने एनआईटी दिल्ली की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने कम समय में ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है। उन्होंने बताया कि एनआईटी दिल्ली आधुनिक बुनियादी ढांचे, शैक्षणिक उत्कृष्टता, बहु-विषयक शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। यह संस्थान नवाचार, उद्योगों के साथ सहयोग और कौशल आधारित सीखने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि एनआईटी दिल्ली ने छात्रों और शिक्षकों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट-अप केंद्र स्थापित किया है। यह केंद्र नवीन विचारों को दिशा देने, संसाधन उपलब्ध कराने और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने में मदद कर रहा है। इसके अलावा, संस्थान में एक इनक्यूबेशन सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है, जो छात्रों के नवाचारों को व्यवहारिक व्यवसाय मॉडल में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे प्रयास स्वरोजगार को बढ़ावा देंगे और छात्रों को सशक्त बनाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, जिसमें आर्थिक विकास के साथ-साथ समावेशी विकास, पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी प्रगति भी शामिल है। उन्होंने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया, सुगम्य भारत अभियान और उन्नत भारत अभियान जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि जनभागीदारी से भारत अपने लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त करेगा।

छात्रों को लगातार सीखते रहने, शोध में अग्रसर रहने और नवाचार को जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सच्ची प्रगति का पैमाना समाज पर सकारात्मक प्रभाव है। चाहे छात्र सतत ऊर्जा प्रणालियां विकसित करें, सुलभ तकनीक बनाएं या ग्रामीण व वंचित समुदायों के लिए समाधान तैयार करें, उनके कार्यों से असमानताओं में कमी लाने और लोगों के जीवन में आशा जगाने का प्रयास होना चाहिए। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि एनआईटी दिल्ली के विद्यार्थी अपने योगदान से संस्थान और देश का नाम गौरवान्वित करेंगे।

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