
MADHUBANI:- जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक में डीएम ने कार्य में शिथिलता बरतने वाले बीएओ,किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक से स्पष्टीकरण दिया निर्देष, कहा-उर्वरक की उपलब्धता व बिक्री पर सतत निगरानी रखें
मधुबनी- 05 दिसंबर। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने धान अधिप्राप्ति,बीज वितरण,प्रतिरक्षण किट का वितरण,नहरों से सिंचाई,नलकूप,उर्वरक की उपलब्धता आदि का समीक्षा कर संबधित अधिकारियों को निर्देश दिये। उर्वरक की उपलब्धता विशेषकर रबी फसलों के लिए समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। वर्तमान में डीएपी की मांग ज्यादा है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि उर्वरक की उपलब्धता एवं बिक्री पर सतत निगरानी रखें। किसी भी स्थिति में उर्वरकों की कालाबाजारी की शिकायत नही मिलनी चाहिये। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान रबी फसल के लिए डीएपी की जगह मिक्चर ज्यादा फायदेमंद है। वहीं समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने जल-संसाधन विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिया कि पटवन हेतु किसानों को कोई परेशानी का सामना नही करना पड़े। किसानों से मिलकर पटवन की स्थिति जाने। उन्होंने निर्देश दिया कि बंद पड़े नलकुपो को शीघ्र मरम्मति कर चालू करवाना सुनिश्चित करें। साथ ही टास्क फोर्स की सभी बैठक में कार्यपालक अभियंता नलकूप प्रतिवेदन के साथ अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि विद्युत अभियंता एवं नलकूप के अभियंता आपस में समन्वय कर विद्युत दोष से बंद पड़े नलकूपों को अविलंब चालू करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए सुदूर खेतों तक तेजी के साथ विद्युत संबद्धता प्रदान करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बैठक में उपस्थित कार्यपालक अभियंता विद्युत को निर्देश दिया कि जिले में जिन इच्छुक किसानों के खेतों में बिजली का खंबा उपलब्ध है, वहां शत प्रतिशत इच्छुक किसानों को जल्द से जल्द विद्युत संबद्धता प्रदान करें। साथ ही साथ ही उन्होंने जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदलने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कृषि फीडर से निर्बाध रूप से निर्धारित समय तक प्रतिदिन बिजली उपलब्ध करवाने को लेकर विधुत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। पशुपालन विभाग की समीक्षा के क्रम में जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 883300 पशुओं में होने वाली लंगडी एवं गला घोटू रोग का दवा उपलब्ध है। यह चार माह से ऊपर के गाय एवं भैंस को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि क्रीमी नाशक दवा का भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है यह दोनों दवा घर-घर जाकर पशुओं को दी जा रही है। जिलाधिकारी ने विभिन्न कृषि कल्याणकारी योजनाओं के समीक्षा के क्रम में कार्य में शिथिलता एवं निम्न प्रदर्शन करने वाले कई प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक को स्पष्टीकरण करने का भी निर्देश दिया। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी,डीपीआरओ परिमल कुमार,जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी सहित सभी संबधित अधिकारी उपस्थित थे।