नई दिल्ली- 01 अगस्त। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी संपन्न होने के बाद कहा है कि देश में हाई स्पीड की इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 7 दिन बाद समाप्त हो गई है। 12 अगस्त तक अग्रिम भुगतान लेने, अनुमोदन और आवंटन सहित सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम अक्टूबर तक देश में 5जी लॉन्च कर पाएंगे।
दूरसंचार मंत्री वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी अच्छे तरीके से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। नीलामी में कुल 1,50,173 करोड़ रुपये की बोली कंपनियों ने लगाई। इसमें कुल 72,098 मेगाहर्ट्ज में से 51,236 मेगाहर्ट्ज की बिकवाली हुई है। नीलामी में 71 फीसदी स्पेक्ट्रम बिक चुके हैं। 12 अगस्त तक अग्रिम भुगतान लेने, अनुमोदन और आवंटन सहित सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम अक्टूबर तक देश में 5जी लॉन्च कर पाएंगे।
वैष्णव ने बताया कि स्पेक्ट्रम की नीलामी में सबसे ज्यादा बोली रिलायंस जियो इंफोकॉम ने अपने नाम की है। रिलायंस ने कुल 24,740 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की खरीदारी की है। रिलायंस ने इसमें 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई। वैष्णव ने बताया कि वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड ने इस नीलामी में कुल 6228 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की खरीदारी की है। वोडाफोन-आइडिया ने इसमें 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह अडाणी डेटा नेटवर्क लिमिटेड ने नीलामी में कुल 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की खरीदारी की है। इसके अलावा भारती एयरटेल ने नीलामी में कुल 19,867 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की खरीदारी की। एयरटेल ने इसमें 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई है। अब सरकार कंपनियों को 15 अगस्त से पहले 5जी स्पेक्ट्रम का आवंटन करेगी।
दूरसंचार विभाग ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में 4.3 लाख करोड़ रुपये के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम ब्लॉक को नीलामी के लिए रखा था। इसकी वैलिडिटी 20 साल की होगी। देश में 5जी सर्विस आने से इंटरनेट की गति 4जी के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा हो जाएगी। 5जी स्पेक्ट्रम के लिए चार प्रमुख दूरसंचार मोबाइल कंपनियों ने 21,800 करोड़ रुपये बतौर धरोहर राशि जमा कराई है।