
दिल्ली में 80 दिन तक वैश्विक स्तर के संगीत व सांस्कृतिक समारोह होंगे आयोजित: रेखा गुप्ता
नई दिल्ली- 16 अक्टूबर। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि राजधानी में आने वाले 80 दिनों में 30 से अधिक बड़े और यादगार भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो पहले कभी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी को ‘इवेंट-फ्रेंडली सिटी’ बनाने के लिए ही बड़े स्टेडियमों व सभागारों के किराए में प्रभावी कमी की गई है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘विरासत भी-विकास भी’ मंत्र के साथ सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली सचिवालय में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी। इसमें दिल्ली के पर्यटन तथा कला,संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने भी अपने विचार साझा किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 80 दिनों में देश की राजधानी में सांस्कृतिक व संगीत की लहर चलेगी,जब देश और विदेश के बड़े कलाकार राजधानी में अपनी प्रस्तुति देंगे। इनमें ट्रैविस स्कॉट,कृष्ण दास, जाकिर खान,पैपोन,एपी ढिल्लों, अरमान मलिक,जोनिता गांधी, राधिका दास सहित अनेक सितारे शामिल हैं। यह पहल दिल्ली सरकार, इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन (फेमा) और पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(पीएचडीसीसीआई) के संयुक्त सहयोग से की जा रही है, ताकि इन कार्यक्रमों का स्तर भी बरकरार रहे, किसी भी प्रकार की प्रशासनिक या अन्य परेशानी न हो और वहां आने वाले दर्शक पूरा आनंद ले सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों के लिए “कॉन्सर्ट इकोनॉमी” एक महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र है, जिस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक समय था जब दिल्ली में बड़े-बड़े कॉन्सर्ट्स और कार्यक्रमों का आयोजन करने से आयोजक हिचकिचाते थे, क्योंकि उन्हें आवश्यक सुविधाएं और संस्थागत सहयोग नहीं मिल पाता था। इस चुनौती को समझते हुए सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि केंद्र और दिल्ली सरकार के अधीन सभी प्रमुख स्टेडियम जैसे जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, इंदिरा गांधी स्टेडियम, नेशनल स्टेडियम, त्यागराज स्टेडियम और छत्रसाल स्टेडियम के टैरिफ रेट कम किए जाएं और उनकी सुविधाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आयोजकों को अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से इवेंट परमिशन, सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू किया जा रहा है। इस प्रणाली का सफल उपयोग पहले कांवड़ यात्रा, रामलीला समितियों, दुर्गा पूजा और छठ पर्व के आयोजनों में किया जा चुका है। अब इसी मॉडल को इवेंट मैनेजमेंट सेक्टर में भी लागू किया जा रहा है ताकि दिल्ली ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में और आगे बढ़ सके। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में लगभग 150 अरब रुपये की लाइव एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में इस समय दिल्ली का शेयर करीब 2500 से 3000 करोड़ रुपये का है, जिसे आने वाले वर्षों में हासिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से आग्रह किया कि वे आगामी सांस्कृतिक आयोजनों और सकारात्मक बदलावों के लिए तैयार रहें, क्योंकि अब दिल्ली देश और दुनिया से आने वाले मेहमानों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली सरकार विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त नए इवेंट वेन्यू विकसित करेगी, जहां लाखों लोग एक साथ कॉन्सर्ट्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि दिल्ली अब एक ‘इवेंट-फ्रेंडली सिटी’ के रूप में विकसित होगी, जहां न केवल लोगों का उत्साह बढ़ेगा, बल्कि वैश्विक समुदाय भी यहां आने को इच्छुक रहेगा। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार ‘विरासत भी-विकास भी’ के मंत्र के साथ पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह विजन है कि दिल्ली को लाइव एंटरटेनमेंट और ‘कंसर्ट इकॉनॉमी’ का केंद्र बनाया जाए। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस विज़न को दिल्ली में लागू करने के लिए एक ठोस और व्यावहारिक रोडमैप तैयार किया है। मिश्रा ने बताया कि इस परिवर्तन के पीछे एक विस्तृत और समर्पित प्रक्रिया रही है। दिल्ली सरकार ने फेमा, फिक्की और इवेंट इंडस्ट्री से जुड़े 40 से अधिक प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ एक राउंडटेबल मीटिंग की, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री ने सक्रिय रूप से भाग लिया और महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। इस चर्चा में यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि दिल्ली में बड़े इवेंट्स न होने का एक मुख्य कारण हमारे कार्यक्रम स्थलों की दरें बहुत ज्यादा थीं। केंद्र सरकार ने एक महीने के भीतर दिल्ली के प्रमुख स्टेडियमों के टैरिफ दरों को घटाने का निर्णय लिया। जैसे ही यह निर्णय लागू हुआ, दिल्ली दोबारा बड़े और भव्य कार्यक्रमों का केंद्र बनने लगी।
मिश्रा ने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है। दिल्ली सरकार के पास इससे भी बड़ा रोडमैप है, जो प्रधानमंत्री के विजन और मुख्यमंत्री की दूरदर्शी योजना को मूर्त रूप देगा। यह रोडमैप दिल्ली को कला, संस्कृति, भाषा और पर्यटन के क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों तक ले जाने का कार्य करेगा।