
BIHAR:- राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति का समारोह आयोजित
पटना-05 जनवरी। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति का समारोह आयोजित हुआ। जिसमें बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक साख योजना (Annual Credit Plan) के अंतर्गत 1,61,500 करोड़ रूपये के ऋण प्रवाह का लक्ष्य निर्धारित है। सितम्बर 2021 तक यानि की दो तिमाहियों में बैंकों ने कुल ₹ 72,261 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए हैं। तथा वार्षिक साख योजना के लक्ष्य का 44.74% हासिल कर लिया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि सितम्बर के बाद की दो तिमाहियों में शेष लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य हो जाएगी।
30 सितम्बर 2021 को बैंकों का कुल जमा ₹ 3,98,173 करोड़ और कुल ऋण ₹1,81,018 करोड़ रूपये था । इस प्रकार बैंकों का साख-जमा अनुपात यानि C D Ratio 47.71% रहा जो कि गत वर्ष की इसी अवधि के साख-जमा अनुपात से 4.6% अधिक है । यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि यदि हम त्रैमासिक आधार पर C D Ratio में हुई प्रगति को देखें तो हमने मात्र एक तिमाही को छोड़कर पिछली 6/7 तिमाहियों में C D Ratio में निरंतर बढोतरी दर्ज की है ।
30 सितम्बर 2021 की समाप्ति पर बैंकों का कुल NPA ₹19,573 करोड़ रुपये था जो उनके कुल ऋण का 11.06% है । बैंकों ने चालू वित्तीय वर्ष में सितम्बर तक ₹239 करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले हैं । सदस्य बैंकों से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार राज्य में बैंकों के ₹6,428 करोड़ रूपये के कुल 7,89,938 Certificate Cases और ₹208 करोड़ रूपये के कुल 4,448 SARFAESI मामले लंबित हैं ।
इस वर्ष सितम्बर तक बैंकों ने लगभग 13 लाख प्रधानमंत्री जन-धन खाते खोले हैं । बैंकों ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 8,79,845 ऋणियों को ₹ 5,792 करोड़ का ऋण वितरित किया है । इस अवधि में किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत 87,835 नए ऋणियों को,प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 1,058, शिक्षा ऋण के अंतर्गत 7,897 और गृह ऋण के तहत 12,296 ऋणियों को ऋण दिए गए । बैंकों ने इसी अवधि में जीविका के 60,129 स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज और 16,426 समूहों का बचत खाता लिंकेज भी किया है ।
राज्य में 30 सितम्बर 2021 तक सदस्य बैंकों की 7,662 शाखाएँ, 6,602 ए०टी०एम० और 29,994 ग्राहक सेवा केंद्र कार्यरत थे। अगर 30 सितम्बर 2020 से तुलना करें तो हम पाते हैं कि इस एक वर्ष की अवधि में राज्य की बैंकिंग संरचना में 42 बैंक शाखाओं, 56 ए०टी०एम० एवं 8,197 ग्राहक सेवा केन्द्रों का इजाफा हुआ है।
इन शाखाओं द्वारा बैंकों की अपनी नियमित योजनाओं के अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित अनेक महत्वपूर्ण योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं जिनमें प्रमुख हैं Street Vendors के लिए PM SVANidhi योजना और पशुपालकों तथा मत्स्यपालकों के लिए KCC Saturation Drive. ये सभी ऋण योजनाएँ हैं ।
सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार की “स्वनिधि से समृद्धि”, Targeted Financial Inclusion Intervention Programme और Jansuraksha Saruration Drive जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ भी बैंकों के माध्यम से संचालित की जा रही हैं ।
बैंकों ने चालू वित्तीय वर्ष में सितम्बर तक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 4,98,753 और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 16,89,019 और अटल पेंशन योजना के अंतर्गत 2,74,907 नए Enrolments किए हैं । इस वर्ष नवम्बर तक बैंकों ने 4,25,000 से भी अधिक नए APY Enrolments किए हैं और मुझे बताते हुई खुशी होती है कि अटल पेंशन योजना के कार्यान्वयन में बिहार पूरे देश में Number One है ।
राज्यवासियों के बीच डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए जहानाबाद के बाद अब अरवल तथा शेखपुरा जिलों में बैंक शाखाओं द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। अरवल में बचत खाताओं के लगभग 83% ग्राहकों और शेखपुरा में 76% ग्राहकों को लेन-देन के लिए डिजिटल प्लेटफार्म मुहय्या करा दिया गया है और वे उसका उपयोग कर रहे हैं ।
राज्य के सभी 38 जिलों में बैंकों द्वारा वित्तीय साक्षरता केंद्र चलाए जा रहे हैं जो लोगों के बीच कैंप लगाकर वित्तीय जागरूकता पैदा कर रहे हैं ।गत दो तिमाहियों में ऐसे कुल 9005 कैंप लगाए गए ।राज्य के सभी 38 जिलों में बैंकों द्वारा चलाए जा रहे “ ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्रों “ द्वारा 153 प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए गए जिनमें 4270 इच्छुक स्वरोजगारियों को प्रशिक्षित किया गया है ।
राज्य में बैंकों और सभी हितधारियों ने बीते दो तिमाहियों में कुल मिलाकर जो कार्य-व्यापर निष्पादित किया है वह उनकी आशा और उनके उत्साह को प्रदर्शित करता है। बिहार एक अच्छी वृद्धि-दर वाली अर्थव्यवस्था है। तथा यहाँ संभावनाओं का एक विस्तृत क्षितिज विद्यमान है। हम कहाँ हैं तथा किस राह और किस रीति से चलते हुए कहाँ जाना है ,यह हम सभी को विचारना है, विश्लेषण करना है और कार्यान्वित करना है ।



