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झारखंड में 23 वर्ष में 12 मुख्यमंत्री, BJP के रघुवर दास ने पूरा किया था कार्यकाल, राज्य में 3 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन

रांची- 01 फरवरी। झारखंड में बुधवार की रात हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री होंगे। 23 साल के झारखंड को उसका 12वां मुख्यमंत्री मिलेगा। राज्य बनने के बाद से अब तक 11 मुख्यमंत्री बदल चुके हैं।

कब-किस पार्टी के हाथ में आई झारखंड की सत्ता—

15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना। पहले मुख्यमंत्री के तौर पर बाबूलाल मरांडी ने राज्य की कमान संभाली। उसके बाद से अब तक 11 मुख्यमंत्री बने। इनमें मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन सबसे कम 10 दिनों के लिए,जबकि भाजपा के रघुवर दास सबसे ज्यादा पांच सालों के लिए मुख्यमंत्री रहे। रघुवर दास झारखंड के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है।

सोरेन परिवार पांच बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुआ। झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने, लेकिन इनके तीन बार का पूरा कार्यकाल अपने बेटे हेमंत सोरेन के एक कार्यकाल से भी कम रहा। हालांकि हेमंत सोरेन पहली बार एक साल पांच महीने 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे। दूसरी बार के कार्यकाल के 10 महीने बाकी है और फिर से उनकी कुर्सी खतरे में है।

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे बाबूलाल मरांडी

एकीकृत बिहार से अलग होने के बाद यहां बाबूलाल मरांडी को झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।15 नवंबर, 2000 को झारखंड के गठन के बाद से छह राजनेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। बाबूलाल मरांडी भाजपा का प्रतिनिधित्व 28 माह तक किए। बाबूलाल मरांडी का कार्यकाल 15 नवंबर, 2000 से 17 मार्च, 2003 तक रहा। हालांकि वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। उन्हें आंतरिक विरोध के कारण मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा।

सोरेन परिवार को पांच बार मुख्मयंत्री की कमान संभालने का मिला मौका—

झारखंड आंदोलन से जुड़े शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। पहली बार 2005 में वो बाबूलाल मरांडी की कुर्सी पर बैठे, लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण 10 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा था। जबकि उनके बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो बार राज्य की बागडोर संभाली। हालांकि पहली बार भी हेमंत अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे।

अर्जुन मुंडा तीन बार बने थे मुख्यमंत्री

भाजपा के आदिवासी चेहरे के तौर पर जाने जानेवाले अर्जुन मुंडा तीन बार मुख्यमंत्री बने। 18 मार्च 2003 को वो पहली बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद दो बार उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली, लेकिन कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा भी रहे मुख्यमंत्री

राज्य के निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा को भी मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मधु कोड़ा का कार्यकाल 18 सितंबर, 2006 से 27 अगस्त, 2008 तक 709 दिन राज्य के मुख्यमंत्री रहे। मधु कोड़ा ने कमान संभालते हुए राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। वो दो साल से भी कम समय के लिए मुख्यमंत्री रहे। निर्दलीय विधायक रहते हुए भी मुख्यमंत्री बनने के कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

रघुवर दास ने पूरा किया था अपना कार्यकाल—

हेमंत सोरेन की सरकार के बाद विधानसभा चुनाव हुए। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला और राज्य में पहली बार एक ही सरकार पूरे पांच साल चली। भाजपा सरकार का नेतृत्व रघुवर दास ने किया। वे 28 दिसंबर 2014 से 28 दिसंबर 2019 तक पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे। जब 2019 में विधानसभा चुनाव हुआ तो भाजपा ने सत्ता गंवा दी। फिर 29 दिसंबर 2019 में यहां हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने।

हेमंत सोरेन चार साल से ज्यादा मुख्यमंत्री रहे—

हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह चार साल एक महीने झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।

राज्य में अब तक तीन बार लगा राष्ट्रपति शासन—

राज्य में पहला राष्ट्रपति शासन 19 जनवरी, 2009 से 29 दिसंबर, 2009 तक रहा। इसके बाद दूसरी बार राष्ट्रपति शासन एक जून, 2010 से 10 सितंबर, 2010 तक रहा और तीसरी बार 19 जनवरी, 2013 से 12 जुलाई, 2013 तक राष्ट्रपति शासन रहा।

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