
लालू यादव ने अतिपिछड़ा समाज को षिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कियेः देवेन्द्र
मधुबनी-30 नवंबर। अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ राष्ट्रीय जनता दल मधुबनी के तत्वावधान में सामाजिक जागरूकता सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित एक निजी होटल में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राष्ट्रीय जनता दल व पूर्व मंत्री केन्द्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव,स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित कुमार यादव एवं बिहार सरकार के पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि अति पिछड़ा समाज में तेजी से विकास हो रहा है। इस समाज में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का अभूतपूर्व विकास हुआ। महात्मा गांधी,ज्योति राव फुले,जननायक कानपुरी ठाकुर,सुभाष सहनी,रामपाल मंडल जैसे महान विभूतियों के नेतृत्व में अति पिछड़ा समाज निरंतर प्रतिनिधि के पथ पर अग्रसर रहे हैं। स्वतंत्रता के बाद से अति पिछड़ा समाज में राजनीतिक चेतना का बहुत विकास हुआ है। परंतू समाज की आवाज को मुक्तिदाता प्रदान करने का कार्य पहले जमाई कर्पूरी ठाकुर और उसके बाद लालू प्रसाद यादव ने किया। आजादी के आंदोलन में जैसे गांधी ने कहा थाकि करो या मरो, वैसे ही लालू प्रसाद यादव ने कहा पढ़ो या मरो,शिक्षा दो, लाल प्रसाद यादव ने सिर्फ नारा ही नहीं दिया, बल्कि गरीब वर्ष वंचित समुदाय को पढ़ने के लिए चरवाहा विद्यालय का अभिनव प्रयोग किया। इस मोहन की तरह का मछली पकड़ने वाले भेड़ बकरी चराने वालों चूहा पकड़ने वालों घुमा पकड़ने वालों बाल काटने वालों मिट्टी के बर्तन बनाने वालों लकड़ी व्यवसाय करने वाले पढ़ना लिखना सीखें। वहीं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने यदि अतिपिछड़ा समाज के लिए आवासीय विद्यालय खोलने का कार्य किया। अतिपिछड़ा समाज के लोगों को सांसद,विधायक,विधान पार्षद, मंत्री,निगम, बोर्ड अध्यक्ष व सदस्य जैसे महत्वपूर्ण राजनीतिक पद पर पहुंचने का अवसर प्रदान किया है। पिछड़ा समाज के लोगों में आईएएस,आईपीएस डॉक्टर, इंजीनियर,एसडीओ,डीएसपी,बीडीयो जैसे बड़े पद को सुशोभित कर रहे हैं। मौके पर भूतपूर्व षिक्षा मंत्री रामलखन राम रमन,पूर्व विधायक उमाकांत यादव,पूर्व विधायक सीताराम यादव,पूर्व विधायक रामकुमार यादव,पूर्व विधायक राम अवतार पासवान आदि ने भी सम्बोधित किया।



