नई दिल्ली- 14 जुलाई। देश में सरकारी बैंकों की संख्या और घट सकती है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में केवल चार या पांच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसयू) होंगे। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के अगले दौर की शुरुआत कर सकती है। इसके बाद देश में पीएसयू बैंकों की संख्या केवल चार या पांच रह जाएगी। इसके लिए यह एक व्यापक अध्ययन किया जा रहा है।
सरकार की योजना छोटे बैंकों को मिलाकर देश के सबसे बड़े पीएसयू स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की तरह 4-5 बड़े और मजबूत बैंक बनाने की है। अभी देश में सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 12 बैंक हैं, जिनमें 7 बड़े और पांच छोटे बैंक हैं। दरअसल, जिन बैंकों के विलय की योजना सरकार बना रही है, उनको अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों के बेहतर प्रदर्शन और कुछ का मुनाफा बढ़कर दोगुना होने से उत्साहित सरकार बैंकों के विलय और निजीकरण के लिए जल्द ही संसद में एक विधेयक पेश कर सकती है। बैंकों के निजीकरण से सरकार उनके संचालन से पूरी तरह बाहर निकल सकती है। इस योजना को लेकर सरकार भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ भी व्यापक विचार-विमर्श करेगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों के विलय की घोषणा की थी, जो लागू हो चुकी है। इस विलय के बाद देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या साल 2017 में 27 बैंक से घटकर साल 2021 में 12 बैंक पर आ गई थी।