मधुबनी- 30 दिसंबर। जिलाधिकारी सह अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति अरविन्द कुमार वर्मा के अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभागीय मासिक समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित की गई। जिसमें जिला स्वास्थ्य समिति सविच सह सिविल सर्जन,अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,सभी कार्यक्रम पदाधिकारी,सभी सलाहकार,जिला स्वास्थ्य समिति सभी अधीक्षक, उपाधीक्षक,प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी,अस्पताल प्रबंधक एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक द्वारा भाग लिया गया। बैठक में निम्नलिखित कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी द्वारा सभी को अवगत कराया गया कि अन्य राज्यों, जिला में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान में बिहार राज्य में भी दो मामला प्रतिवेदित होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसके रोक-थाम एवं उपचार हेतु पूर्व तैयारी किया जाना अत्यावष्यक है। इस हेतु कोविड जांच की संख्या में बढ़ोत्तरी किया जाय। गर्भवती महिलाओं का निबंधन,प्रसव पूर्व जांच की समीक्षा की गई। गर्भवती महिलाओं के निबंधन में जिला की औसत उपलब्धि 114 प्रतिशत एवं प्रसव पूर्व जांच में जिला की औसत उपलब्धि 84 प्रतिषत पाया गया। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देष दिया गया कि वे 10-10 सेशन साईट का निरीक्षण कर यह सुनिष्चित करेंगे कि एएनएम द्वारा टीकाकरण का कार्य करते हुए गर्भवती महिला का आईडी जेनरेट किया जा रहा है। अथवा नहीं। साथ ही, प्रत्येक गर्भवती माताओं का आईडी जेनरेषन कर एमसीपी कार्ड पर अंकित करते हुए ऑगनबाड़ी सेविका को भी उपलब्ध कराया जाय। गर्भवती महिलाओं को वितरण करने वाले आईएफए टेबलेट एवं कैल्ष्यिम टेबलेट की समीक्षा की गई। जिसमें आईएफए टेबलेट वितरण में जिला का औसत उपलब्धि 89 प्रतिषत एवं कैल्ष्यिम टेबलेट की वितरण में जिला का औसत उपलब्धि 89 प्रतिषत पाया गया। इस संबंध में निर्देष दिया गया कि आषा एवं एएनएम को निदेषित किया जाय कि गर्भवती महिलाओं को आईएफए एवं कैल्षियम टेबलेट शत-प्रतिषत उपलब्ध कराया जाय। साथ ही कम उपलब्धि स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों उपलब्धि बढ़ाने का निर्देष दिया गया। ओपीडी की समीक्षा में पाया गया कि इसमें जिला की औसत उपलब्धि 85 प्रतिषत है। इस संबंध में निर्देष दिया गया कि अस्पताल आने वाले मरीजों को सरकार द्वारा उपलब्ध सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय, कम उपलब्धि प्राप्त करने वाले नीचे से पांच स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देष दिया गया। सदर अस्पताल मधुबनी में संचालित एसएनसीयू की समीक्षा की गई। जिसमें पाया गया कि माह नवंबर में 100 बच्चे भर्ती हुए। जिसमें से 25 बच्चों को रेफर किया गया, चुकि एसएनसीयू में विषेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित है, फिर भी बच्चे को ईलाज हेतु अन्यत्र भेजा जाना यथोचित नहीं है। इस संबंध में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देष दिया गया कि आवष्यकतानुसार नवजात बच्चें को एसएनसीयू सुसज्जित एम्बुलेंस से ही भेजेंगे। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि मात्र पांच चिकित्सकों का उपलब्धि अच्छा है। तथा अन्य चिकित्सकों का उपलब्धि बहुत ही कम है। जिसमें डाॅ.चांदनी कुमारी, डाॅ.सुष्मिता कुमारी एवं डा.मोनाजीर हसन की उपलब्धि शून्य प्रतिवेदित है। इस संबंध में अध्यक्ष द्वारा निर्देष दिया गया कि उक्त चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछते हुए वेतन स्थगित किया जाय। आयुष्मान भारत की समीक्षा के क्रम में निर्देष दिया गया कि लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड बनाये जाने की संख्या में बढ़ोत्तरी किया जाय। तथा लाभार्थियों को अस्पतालों में इसका लाभ दिया जाय। इससे प्राप्त राषि को अस्पताल के चिकित्सकों एवं कर्मियों को प्रोत्साहन राषि के रूप में दिया जाय। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की समीक्षा के क्रम में निर्देष दिया गया कि जहां से रिर्पोंटिंग नहीं किया जाता है, उन संस्थानों को ससमय रिर्पोंटिंग करने हेतु निदेषित किया जाय। स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष द्वारा निर्देष दिया गया कि जो स्वास्थ्य संस्थान अतिक्रमित है, तो उसको अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु अंचलाधिकारी को पत्र लिखें। तथा संबंधित पर प्राथमिकी दर्ज करायें। साथ ही निर्देष दिया गया कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आगामी बैठक से पूर्व प्रमाणपत्र देंगे कि उनके क्षेत्रान्तर्गत कोई भी स्वास्थ्य संस्थान अतिक्रमित नहीं है। अध्यक्ष ने निर्देष दिया गया कि जख्म प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध नहीं कराय जाता है। इसे 24 घंटे के अन्दर तैयार कर थाना को उपलब्ध कराया जाय। साथ ही थानाध्यक्ष के वाट्सएप पर भी जख्म प्रतिवेदन भेजा जाय। तथा सभी स्वास्थ्य संस्थानों में सतरंगी चादर,कंबल आदि की उपलब्धता सुनिष्चित किया जाय। साथ ही साफ-सफाई,दवा,पथ्य आपूर्ति, रोस्टर के अनुसार चिकित्सक एवं कर्मी की उपलब्धता भी सुनिष्चित करंेगे।
