मधुबनी-19 जुलाई। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिले में मनरेगा,जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत चलाई जा रही योजनाओं की व्यापक समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में तालाब की संस्कृति काफी समृद्ध है। उन्होंने इसके संरक्षण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तालाबो का अतिक्रमण को गंभीरता से लेकर इसे अतिक्रमण मुक्त करें। उन्होंने अमृत सरोवर योजना का जिक्र करते हुए ऐसे सभी चिन्हित तालाबों के चहुंओर वृक्षारोपण करवाए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि जिस सरकारी तालाब का जीर्णोद्वार किया जा रहा है, उसके साफ सफाई पर भी पूरा ध्यान दिया जाए। उन्होंने जिले के सभी पंचायतों में एक एक खेल के मैदान चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि, उनमें होनेवाले जल जमाव के निराकरण हेतु मिट्टीकरण का कार्य कराया जा सके। उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत फर्जी रूप से निबंधित लोगों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि यह योजना जरूरतमंद लोगों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से लागू की गई है। ऐसे में पात्र लोगों को ही रोजगार उपलब्ध कराए जाएं। तथा उनके द्वारा किए गए कार्य की इंट्री भी उनके जॉब कार्ड पर की जाए। उन्होंने इसमें महादलित समुदाय के काम पाने के इक्षुक पात्र मजदूरों को नियमित रूप से काम दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत अधिक से अधिक मानव दिवस का सृजन करें।जिलाधिकारी ने जल जीवन हरियाली अभियान के तहत सघन वृक्षारोपण, जल श्रोतों के संरक्षण, चेक डैम का निर्माण, भूगर्भीय जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सोखता निर्माण आदि पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान की सफलता सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।उन्होंने अगली बैठक में कार्य में शिथिलता बरतने वाले और अपेक्षित उपलब्धि प्राप्त नहीं करने वाले कर्मियों के वेतन पर रोक लगाए जाने की बात कही। बैठक में उप विकास आयुक्त विशाल राज,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा,सभी कार्यक्रम पदाधिकारी,मनरेगा उपस्थित थे।
