मधुबनी-11 मई। चिकित्सक को धरती पर भगवान को दुसरा रूप कहा जाता है। चिकित्सक पहले मरीज के इलाज को प्राथमिता देते हैं, उसके बाद बाकी प्रक्रिया करते है। लेकिन कभी-कभी एसे भी लोग होते है कि मरीज को ईलाज कराने अस्पताल पहुंचते हैं और मरीज को भर्ती करते ही फरार हो जाते हैं। इसी तरह का मामला मधुबनी-रहिका मुख्य सड़क पर अवस्थित श्री केशव हेरिटेज हाॅस्पिटल में 8 मई को हुआ। एक आटो पर एक लड़की को गंभीर अवस्था में ईलाज के लिए भर्ती कराया। लड़की की हालत गंभीर देखकर चिकित्सक एवं अस्पताल अन्य कर्मी लग गए। वहीं आटो चालक ने लड़की को लावारिष अवस्था में छोड़कर फरार हो गया। वहीं अस्पताल प्रशासन ने स्थानीय थाना रहिका को सूचना दी। लड़की के होष में आने के बाद भी कोइ उसका परिजन लेने नही आया है। करीब 22 वर्षीय लड़की ने लक्ष्य तक न्यूज़ को अपनी आप बीती बताते हुए अपना नाम कंचन कुमारी एवं पिता का नाम मुकेश यादव ग्राम नवकरही बेनीपट्टी बताया है। उन्होने बताया कि मैं अपने प्रेमी मिथिलेश यादव पिता किषोरी यादव ग्राम उक्मा टोल बैतोंना बेनीपट्टी के साथ कोर्ट मैरेज की हुं। उन्होने आगे बताया मिथिलेश अपने नानीहाल नवकरही आया जाया करता था। इसी दौरान हम दोनों में प्रेम प्रसंग का आगाज़ हुआ। करीब 15 महीना के बाद दोनों अपनी मर्जी से कोर्ट मैरेज कर लिया। लड़की के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना उसके परिजन को दी गयी है। लेकिन उसके पिता ने खूद को बेटी से अलग कर लिया है। इधर श्री केशव हेरिटेज हाॅस्पिटल के डायरेक्टर डा. एनके यादव ने बताया कि रहिका थाना को उसी दिन सूचना दे दी गयी थी। जबकि अब लड़की पूरी तरह होष में आ गयी है। परंतू उसके परिजन लेने नही आ रहे हैं। उन्होने बताया कि लड़की के अन्दर जहर पाया गया था। उन्होने एक सवाल के जबाव में बताया कि मेरी पहली प्राथमिकता होती है कि भर्ती होने वाले मरीजों को बचाया जाए। मैंने पहले उसका ईलाज किया और स्थानीय थाना रहिका को सूचना दी। वहीं रहिका थानाध्यक्ष ने बताया कि अस्पताल से सूचना मिली थी। उसके बाद से उक्त लड़की के परिजन को बेनीपट्टी थाना के माध्यम से सूचना दे दी गयी है। मगर सवाल उठता है कि चार दिन हो गए, लेकिन उसके परिजन लेने नही आए हैं। अब अस्पताल प्रशासन के सामने समस्या है कि उक्त लड़की को अकेले कैसे छोड़ा जाए। जबकि रहिका थाना पुलिस भी लड़की को परिजन तक पहुंचाने में दिलचस्पी नही देखा रही है।
