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MADHUBANI:- बिस्फी के अशुरा गांव में ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन, मौके पर बोले पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. शकील, कहा- उर्दू हिंदी दोनों बहने है, उर्दू के वगैर हिन्दी अधूरी है

मधुबनी- 05 नवंबर। बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के अशुरा गांव में एक शाम मोहब्बत के नाम ऑल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन के मौके पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद का मुशायरा के संयोजक सह कांगेस के पूर्व विधान परिषद उम्मीदवार इम्तियाज नूरानी ने फूल माला से स्वागत किया। मुशायरा को सम्बोधित करते हुए अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस ही एक कैसी पार्टी है, जो इस देश को महंगाई से बचा सकती है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा गरीबों के हित में काम किया है। उन्होंने कहा कि मुशायरा में उर्दू शब्द बहुत ही अच्छा शब्द है। उर्दू तहजीब सिखाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने कहा कि उर्दू हिन्दुस्तान की भाषा है। उन्होने कहा कि उर्दू का जन्म एवं विकास भारतीय उपमहाद्वीप में हुआ। उर्दू और हिन्दी दोनों आधुनिक इण्डो-आर्यन भाषाऐं हैं, जिनकी जड़ें समान हैं। दोनों भाषाएं इतनी समीप हैं कि दोनों एक ही भाषा लगती हैं। परंतु दोनों भाषाऐं उर्दू, अरबी और फारसी भाषा से और हिन्दी संस्कृत भाषा से प्रभावित हैं। लेकिन दैनिक बालेचाल में यह भाषाऐं अलग-अलग भाषाओं के रूप में विकसित हो गई है। हिन्दी लिखने के लिए जहाँ देवनागरी लिपि का प्रयोग होता है, तो वहीं उर्दू को अरबी-फारसी लिपि में लिखा जाता है। डाक्टर अहमद ने कहा कि उर्दू भाषा के पहले बड़े जन कवि, महान फारसी कवि अमीर खुसरो हैं। जिन के बारे में यह कहा जाता है कि उन्होने इस भाषा में दोहे,पहेलियां और कहमुकरनियाँ कहीं। एक सामान्य आकलन के अनुसार अगर हिन्दी और उर्दू बोलने वालों की संख्या को मिला लिया जाए, तो यह विश्व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। उन्होने कहा कि उर्दू गंगा-जमुनी तहजीब का एक रूप माना गया है। उन्होने डाक्टर अहमद ने कहा कि उर्दू हिंदी दोनों बहने है, क्योंकि उर्दू के वगैर हिन्दी अधूरी है। मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अषरफ फातमी,पूर्व विधायक फराज फातमी,फारूक निजामी,डाक्टर खालिद उस्मानी,क्रिब्स हाॅस्पिटल के निदेशक एम. नियाजी,डाक्टर जान मोहम्मद,डाक्टर आमिर हुसैन सहित भारी संख्या में लोग मौजुद थे। वहीं मुशायरा व कवि सम्मेलन में आए हुए लोगों को रातभर शायर हासिम फिरोजाबादी,जौहर कामपूरी,सबिना अदीब,सबी बलरामपूरी,कवि सुन्दर मालेगवी,निलम कष्यप एवं चांदनी पांडेय आदि ने अपने-अपने कविताओं से खूब तालियां बटोरी।

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Author: lakshyatak

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