MADHUBANI:- घोघरडीहा क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा अवैध नर्सिंग होम व जांच घर, गर्ववती महिलाओं का धड़ल्ले से सिजेरियन भी कर रहे फर्जी चिकित्सक

मधुबनी- 04 जनवरी। घोघरडीहा प्रखंड मुख्यालय में एक दर्जन से अधिक अवैध नर्सिंग होम व जांच घर का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। जिसमें झोला छाप डॉक्टरों के द्वारा गर्ववती महिलाओं का धड़ल्ले से सिजेरियन भी किया जा रहा है। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक अवैध जांच घर,एक्सरे,अल्ट्रासाउंड भी संचालित है। मालूम हो कि इन दिनों लगातार अपंजीकृत निजी अस्पतालों एवं पैथोलैब के खिलाफ जिला प्रशासन ने अभियान चला रखा है। जिसके आलोक में गत दिनों प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोघरडीहा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवकांत दीपक ने एक टीम बनाकर प्रखंड के लक्ष्मी नर्सिंग होम,मदर हुड नर्सिंग होम,भगवती नर्सिंग होम,लक्ष्मी हेल्थकेयर,शिव डिजिटल एक्सरे,मॉर्डन जांच घर,आदर्श जांच घर,माँ जांच घर सहित दर्जन भर नर्सिंग होम एवं जांच घरों के संचालन से सम्बंधित कागजातों की जांच किया। जांच में लक्ष्मी नर्सिंग होम,लक्ष्मी हेल्थकेयर एवं मदर हुड नर्सिंग होम के संचालक निबंधन का पेपर नही दिखा पाये। वहीं तीनों नर्सिंग होम में बिना डॉक्टर और प्रशिक्षित पारा मेडिकल कर्मी के ही गर्भसाय का सिजेरियन करने की बात सामने आयी है। वहीं भगवती नर्सिंग होम में मेडिकल कचरा का प्रबंधन ठीक से नही किया जा रहा था। शिव डिजिटल एक्सरे में अप्रशिक्षित व्यक्ति के द्वारा एक्सरे किया जा रहा था। मॉर्डन जांच, आदर्श जांच घर एवं माँ जांच घर के संचालक भी निबंधन का पेपर नही दिखा पाया। ज्ञात हो कि प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मानक के विपरीत नर्सिंग होम,पैथोलैब आदि का संचालन धड़ल्ले से जारी है। इसके अलावा जिन नर्सिंग होम के पास लाइसेंस है भी, उनमें से कई ऐसे है, जहां अप्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मरीजों को आकर्षित करने के लिए इन नर्सिंगहोमों के आगे एमबीबीएस चिकित्सकों के भारी भरकम बोर्ड लगे रहते है। परंतू इनमें से शायद ही कोई चिकित्सक इन नर्सिंगहोम में कार्य करते है। बताया जाता है कि कई बार ऐसे अप्रशिक्षित चिकित्सकों के गलत इलाज का शिकार मरीजों को होना पड़ता है। इसकी शिकायत भी होती है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति भर ही होती है। इस बाबत पीएससी प्रभारी डॉ देवकांत दीपक ने बताया कि जांच प्रतिवेदन सिविल सर्जन को भेज दिया गया है। आदेश आते ही संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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Author: lakshyatak

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