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MADHUBANI:- अबुल कलाम आजाद का शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदानः मनोज मिश्र

मधुबनी- 11 नवंबर। जिला कांग्रेस कार्यालय में जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र के नेतृत्व में भारत रत्न देश के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के जयंती मनायी गयी। जिसमें विभिन्न नेताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की। मौलाना अबुल कलाम आजाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि,लेखक,पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता से बीर सीनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे, वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने 14 साल तक के बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त और अनिवार्य नागरिक अधिकार बना दिया। भाग लेने वालों में प्रमुख रूप से प्रोफेसर शीतलांबर झा, श्री सत्येंद्र पासवान, अशोक कुमार अध्यक्ष किसान सेल, अविनाश नगर अध्यक्ष,अनिल चंद्र झा, झा,मुकेश झा पप्पू, साबिर मुखिया, विनय कुमार झा, हमीदुल्लाह, विश्वनाथ पासवान आदि मौजुद थे।

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Author: lakshyatak

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