पटना (बिहार)- 22 जून। जी-20 के अंतर्गत पटना में हो रहे एल-20 शिखर सम्मेलन के तकनीकी सत्र में गुरुवार को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा और उससे जुड़े ड्राफ्ट पर चर्चा की गयी। सत्र की शुरुआत में संतोष मेहरोत्रा ने सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के वित्त पोषण की जी-20 के संदर्भ में चर्चा की। उन्होंने इससे जुड़े बातों पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। प्रेजेंटेशन में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के एजेंडा 102 की वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक विश्लेषण किया।
उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा के 9 क्षेत्र आईएलओ ने चिन्हित किए थे। इनमें चिकित्सा देखभाल, बीमारी, बेरोजगारी, वृद्धावस्था, रोजगार के दौरान दुर्घटना, पारिवारिक देखभाल, मातृत्व अवकाश व उत्तरजीविता प्रमुख हैं। उन्होंने प्रस्तुत अध्ययन में बताया कि वैश्विक कार्यबल के 61 फीसदी (असंगठित क्षेत्र) लोगों को एक भी सामाजिक बीमा प्राप्त नहीं है। सोशल प्रोटेक्शन की बात करें तो 46.9 फीसदी को ही प्राप्त है। उन्होंने बताया की जी-20 देशों में वृद्धावस्था पेंशन को सर्वाधिक कवरेज मिला हुआ है।
सत्र में वर्कर्स एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन विरजेश उपाध्याय ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा को सिर्फ सरकार, उद्योग जगत की जिम्मेदारी नहीं मानी जानी चाहिए। इसे समाज की सहभागिता से हासिल किया जाना चाहिए। एनएफआईटीयू की उपाध्यक्ष इंदिरा सक्सेना ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियमन मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत पोर्टल बनाकर पहल कर रहा है।
