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G-20 की बैठक से पहले साफ होगी श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील, सफाई में लगे 500 मजदूर

श्रीनगर- 09 मई। श्रीनगर में इस महीने के अंत में होने वाली जी-20 की बैठक से पहले प्रसिद्ध डल झील की सफाई का कार्य जोरों पर शुरू कर दिया गया है। इसके लिए मिशन मोड के तहत 500 मजदूरों को मशीनों के साथ लगाया गया है। जी-20 के पर्यटन समूह की बैठक 22 से 24 मई तक श्रीनगर में डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में होने वाली है।

डल झील सहित जल निकायों को साफ रखने के लिए जिम्मेदार झील संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण (एलसीएमए) ने सफाई प्रक्रिया के लिए कर्मचारियों और मशीनरी को तैनात किया है। प्राधिकरण झील को साफ करने और मेहमानों के लिए इसे सुंदर बनाने के लिए मशीनों और मानवीय दोनों साधनों का उपयोग कर रहा है। एलसीएमए के उपाध्यक्ष बशीर अहमद भट ने श्रीनगर में कहा कि मुख्य समारोह डल झील के आसपास हो रहा है, इसलिए इसे सुंदर और आकर्षक बनाने का अभियान जारी है।

भट ने कहा कि सौंदर्यीकरण प्रक्रिया के लिए प्राधिकरण मशीनों का उपयोग कर रहा है, जिसमें मशीन, हार्वेस्टर आदि शामिल हैं। झील की सफाई का कार्य दो पारियों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम डबल शिफ्ट में काम कर रहे हैं। श्रम बल तटों की सफाई कर रहा है। अभियान को एक मिशन मोड के तहत लिया गया है, न केवल जी-20 कार्यक्रम के लिए, बल्कि आगामी पर्यटन सीजन के लिए भी हम झील को साफ रखेंगे। मुझे उम्मीद है कि हमारे मेहमान झील को देखकर काफी खुश होंगे।

एलसीएमए के वाइस चेयरमैन ने कहा कि करीब 400-500 मजदूर प्रतिदिन झील की सफाई के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास नौ हार्वेस्टर हैं, जिन्हें झील में उगे हुए पौधे को निकालने के लिए तैनात किया गया है। तटरेखाओं के पास भी ड्रेजिंग चल रही है। भट ने कहा कि झील को जी-20 इवेंट के मद्देनजर विशेष रूप देने के लिए लाइटिंग सिस्टम भी लगाए गए हैं। झील के चारों ओर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के रूप में मरीन और एनएसजी कमांडो को भी तैनात किया जाएगा।
दरअसल, पिछले सप्ताह श्रीनगर में हुई एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में कश्मीर क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एडीजीपी विजय कुमार ने जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नदी और झील के प्रभुत्व के महत्व पर जोर दिया। विजय कुमार ने शिखर सम्मेलन स्थलों के आसपास जल निकायों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए मरीन कमांडो को तैनात करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।उन्होंने कहा था कि एनएसजी टीमों का उपयोग फिदायीन हमले रोकने और ड्रोन का मुकाबला करने के लिए सभी स्थानों पर तैनात किया जाएगा।

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