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BIHAR:- सरकार के खिलाफ पंचायत सरकार के मुखिया उतरे सड़क पर, कहा- अधिकारों में कटौती अब बर्दास्त नही, आन्दोलन करेंगे तेज

मधुबनी-29 अगस्त। बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आह्वान पर ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती के खिलाफ मंगलवार को समाहरणालय के समक्ष खुटौना मुखिया संघ के अध्यक्ष कपिलेश्वर यादव के अध्यक्षता एवं बिस्फी प्रखंड अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण झा के संचालन में जिला भर के मुखियाओं ने 19 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया। तथा एमएलसी अंबिका गुलाब यादव के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिल कर मांग पत्र सौपा। धरना स्थल को सम्बोधित करते हुए रहिका प्रखंड संघ के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार झा ने कहा कि हम सभी मुखिया 16 अगस्त से 31 अगस्त तक हड़ताल पर रहकर कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है, जो जारी है। उन्होने कहा कि हड़ताल के दौरान ग्राम पंचायत के सभी प्रकार के कार्यों एवं सरकारी कार्यक्रमों के बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं। अगर सरकार हम मुखियाओं के मांगों पर विचार नही करती है, तो बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के निर्देश पर आगे इसी तरह चटटानी एकता के साथ आन्दोलन करेंगे। पंडोल मुखिया संघ के अध्यक्ष राम कुमार यादव एवं बेनीपट्टी मुखिया संघ के अध्यक्ष विनय कुमार झा ने कहा कि हमारी मांगे है कि ग्राम पंचायत को 73वां संविधान संशोधन के तहत प्रदत 29 अधिकारों को पूर्णरूपेण ग्राम पंचायत को सौंपा जाये। ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। तथा सरकार ग्रामसभा से पारित प्रस्तावों में अनावश्यक हस्तक्षेप करना बंद करें। मुखिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में ब्रेंडा असफल हो चुकी है, इसे पुनः ग्राम पंचायत को सौंपा जाए। पंचायत सरकार भवन के निर्माण में पूर्व में ही एलएईओ असफल साबित हुई है। इसे ग्राम पंचायत को दिया जाये। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को वेतन भत्ता में बढ़ोतरी की जाए। उन्होने कहा कि मुखिया को दस हजार, उप मुखिया को सात हजार एवं वार्ड सदस्य को पांच हजार प्रति माह दिया जाए। ग्राम पंचायत के मुखिया को उनकी सुरक्षा हेतु आवश्यक अनुसार उनके मांग पर आर्म्स का लाइसेंस दिया जाए।

राजनगर मुखिया संघ के अध्यक्ष शेखर सुमन एवं कलुआही मुखिया संघ के अध्यक्ष राजेश मिश्र ने कहा कि पंचायतों में बंद परे अंत्योष्टि योजना को चालू किया जाए। सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान किया जाए। ग्राम पंचायत को पुनः जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए। अपराधियों द्वारा मुखिया की हत्या कर दी गयी है। उन मृतक मुखिया के परिजनों को सरकार 50 लाख तक का मुआवजा दिया जाये। तथा एसपीडी ट्रायल के माध्यम से दोषियों को अभिलंब सजा दिलवायी जाय। ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मियों के वेतन विवरण उपस्थिति पंजी मुखिया के हस्ताक्षर के बाद ही भुगतान किया जाए, इसको शक्ति से अनुपालन कराया जाये। ग्राम पंचायतों को राजसव कर वसूली का हिस्सा सभी मतों से उपलब्ध कराई जाए। मनरेगा में ग्राम पंचायत को प्रशासनिक का अधिकार पंचायती राज्य विभाग के तरह 20 लाख तक किया जाए। तथा मनरेगा योजना का ग्राम पंचायतों को भुगतान का अधिकार दिया जाये। मनरेगा में मजदूरी दर बढ़ायी जाये। बाजार दर के अनुसार एसओआर निर्धारित किया जाए। तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए। 15वीं वित्त की राशि आवंटन में ग्राम पंचायत को अधिक भागीदारी सुनिश्चित कराया जाए। तथा प्रधानमंत्री आवास योजना में नए पत्र लाभुकों का नाम जोड़ने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए। मौके पर बाबूबरही मुखिया संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी पासवान,हरलाखी के अध्यक्ष रमेश मिश्र,मधवापुर के अध्यक्ष विजय साहु,अंधराठाड़ी के छोटु राय,लौकही के घुरन यादव,झंझारपुर सुजीत झा,मधेपुर के संतोष कुमार,लखनौर के गोपाल यादव,खजौली के प्रकाश मंडल,लदनियां के जीवन यादव,घोघरडीहा के दिपक सिंह, जयनगर के अध्यक्ष राम दास हाजरा,मुखिया रुपन कुमारी,मो.सनाउल्लाह, बुद्ध प्रकाश,ललन सिंह,जाहिदा खातुन,नौसाद आलम,अनिल चोधरी,अब्दुर राजिक,कामनी देवी,सज्जाद अंसारी,एकरामुल होदा,विकास कुमार,फुलपरी देवी, अशोक राम सहित भारी संख्या में मुखिया मौजुद थे।

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Author: lakshyatak

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