मधुबनी- 23 फरवरी। मिथिला चित्रकला संस्थान मधुबनी के सभा कक्ष में भारत-नेपाल जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता में जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा एवं सीडीओ धनुषा चक्रपाणि पांडेय ने संयुक्त तौर पर किया। बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार एवं डीआईजी बाबू राम सहित दोनों पक्षो के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने भाग लिया। आयोजित बैठक में आगामी लोकसभा आम निर्वाचन सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत रूप से द्विपक्षीय चर्चा की गई। बिहार के रास्ते भारत में नेपाल से फेक करेंसी के आवागमन पर रोक लगाने पर विशेष रूप से चर्चा की गई। साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों देश के सीमा पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष रूप से बल दिया गया।
बैठक में दोनों पक्षों के सदस्यों ने बारी-बारी से मानव तस्करी एवं शराब के भारतीय सीमा में प्रवेश पर नियंत्रण,बिहार में शराब बंदी को प्रभावी रूप से लागू करने में नेपाल के सीमावर्ती जिलों का महत्वपूर्ण सहयोग, सीमी पर अतिक्रमण,जाली नोटों पर अंकुश,अपराधियों की धड़पकड़ असामाजिक तत्वों द्वारा खुली सीमा का दुरुपयोग,प्रतिबंधित दवाओं का दुरुपयोग,सूचनाओं का आदान-प्रदान सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। तथा संबधित अधिकारियों ने अपनी-अपनी बात रखी। मधुबनी के जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने सर्वप्रथम नेपाली प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात विस्तार से रखी। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा निर्वाचन 2024 के आलोक में दोनों देशों के अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ पूरी तरह से सजग होकर कार्य करना होगा। उन्होंने मतदान दिन बोर्डर सीलिंग को लेकर भी विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने दोनों देशों के संबधित अधिकारियों का एक व्हाटसअप ग्रुप बनाने की बात कही, ताकि सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध सदियों से अत्यंत प्रगाढ़ रहे हैं। दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का सम्बंध है। उन्होंने कहा कि दोनों देश के नागरिकों के बीच आपसी प्रेम एवं सौहाद्र बनी रहे। इसको लेकर भी हम निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमेशा से ही दोनों पक्ष विभिन्न मुद्दों पर आपसी बातचीत से सभी बातों का हल निकालते आये है। उन्होंने कहा कि अपराधियों पर अंकुश लगाना, मानव तस्करी को रोकना, नो मैन्स लैंड अतिक्रमण, शराब के धंधेबाजों के धड़पकड़,सूचनाओं के आदान-प्रदान सहित कई विषयो पर दोनों पक्षों के संबधित अधिकारियों ने अपनी-अपनी बातें रखी। जिसमे कई विषयों पर आपसी सहमति भी जताई गई है। दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि आगामी लोक सभा निर्वाचन 2024 को देखते हुए दोनों देशों के अधिकारियों को आगामी लोकसभा निर्वाचन अवधी में आपसी तालमेल बनाकर पूरी सजगता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने बैठक को अत्यंत महत्वपूर्ण और फलदाई बताया। डीआईजी बाबूराम ने भी आगामी लोक सभा आम निर्वाचन,दोनों देश एक दूसरे के अपराधियों की सूची आदान-प्रदान करने सहित कई विषयों पर अपनी बात रखी। पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने अपराधियों की धर-पकड़,सूचनाओं का आदान-प्रदान, नेपाल में शराब की बिक्री पर नजर रखने,अवैध शराब एवं शराबियों पर कड़ी नजर,नेपाली नंबर के वाहनों के भारतीय सीमा में प्रवेश,नेपाली सिम का दुरुपयोग आदि विषयों पर अपनी बातें रखी। इसके पूर्व दोनों देशों के राष्ट्रगान के साथ बैठक की शुरुआत हुई। बैठक में भारतीय दल में प्रमंडलीय आयुक्त दरभंगा प्रमंडल दरभंगा मनीष कुमार, डीआईजी बाबू राम, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार,डीडीसी दीपेश कुमार,अपर समाहर्ता शैलेश कुमार, सहायक समाहर्ता पार्थ गुप्ता,अपर समाहर्ता आपदा संतोष कुमार,डीपीआरओ परिमल कुमार,अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर,बीरेंद्र कुमार,अनुमंडल पदाधिकारी, बेनीपट्टी एसडीएम कुमारी मनीषा, फुलपरास एसडीएम अभिषेक कुमार,जयनगर एसडीपीओ विप्लव कुमार, फुलपरास के एसडीपीओ सुधीर कुमार,बेनीपट्टी एसडीपीओ नेहा कुमारी,एसएसबी 48वीं वाहिनी के कमांडेंट,जीएस भंडारी,एसएसबी 18वीं वाहिनी के कमांडेंट, दामोदर प्रसाद मीणा,उत्पाद अधीक्षक विजय कांत ठाकुर सहित कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे। वहीं, नेपाल के दल का नेतृत्व सीडीओ धनुषा, चक्रपाणी पांडेय ने किया। उनके साथ सीडीओ, महोत्तरी शिवराम गेलाल, सीडीओ सप्तरी, किरण थापा,सीडीओ सिरहा, बासुदेव दहल, असिस्टेंट सीडीओ,महोत्तरी,उपेंद्र नुपाने,असिस्टेंट सीडीओ सिरहा, नरेश कुमार,असिटेंट सीडीओ धनुषा विष्णु प्रसाद भुषाल,सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, धनुषा, मित्र बंधु शर्मा, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, महोत्तरी श्याम कुमार राय,, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस,सप्तरी, गाजू सिद्धि बज्रचारया,सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस सिरहा, संतोष आचार्या साथ ही आर्म्ड पुलिस फोर्स नेपाल, नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम नेपाल, एवं बड़ी संख्या में कस्टम ऑफिसर, सर्वे ऑफिसर सहित नेपाल प्रशासन के अन्य अधिकारी शामिल थे।
