पटना- 19 फरवरी। बिहार के मुखिया को आर्म्स लाइसेंस की आवश्यकता होने पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी उसकी समीक्षा करेंगे। उसके बाद मुखिया को लाइसेंस प्रदान करेंगे। इस तरह आर्म्स लाइसेंस प्रदान करने का अधिकार जिलाधिकारी को दिया गया है। कैंप लगाकर लाइसेंस निर्गत करने संबंधित प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। कहा गया है कि इस मामले में कैंप लगाने का काम नही करें। उक्त बातें बिहार विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री सह पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने राजीव कुमार के तारांकित प्रशों का जवाब देते हुए कहा।
उसके बाद सौरभ कुमार और राजीव कुमार के द्वारा पंचायत समिति सदस्यों के मानदेय में वृद्धि से संबंधित तारांकित प्रशों के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले की समीक्षा करेगी। तथा उसके बाद निर्णय लेगी। पंचायत राज मंत्री ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में मुखिया, उपमुखिया, सरपंच, उपसरपंच के मानदेय में एक अप्रैल 2024 के प्रभाव से वृद्धि कर दी गई है।
