मधुनबी- 29 दिसंबर। हरलाखी प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है। सरकार स्तर सुधारने के लिए पानी की तरह पैसा बहाती है। इसके बावजूद शिक्षा की बदहाली एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। वहा न ही योग्य शिक्षक हैं और न ही पूर्ण रूप से शैक्षणिक कार्य के लिए व्यवस्था है। प्रखंड क्षेत्र के नया प्राथमिक विद्यालय फुलहर में बदहाल शिक्षा व्यवस्था है। शिक्षिका को व्याकरण का ज्ञान पता नहीं है। विद्यालय में शिक्षिका व्याकरण के ज्ञान के अभाव में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जब संवाददाता ने इसकी पड़ताल किया,तो विद्यालय की शिक्षिका लक्ष्मी कुमारी छात्र-छात्राओं का नाम हिंदी में प्रिंस कुमार लिखने में असफल रही। जबकि इन्हें छात्रों के भविष्य संवारने के लिए करीब 40 हजार रुपये तक का प्रति माह सैलरी दिया जाता है, लेकिन इसका देख रेख करने वाले कोई नहीं है। माने तो देश निर्माण में शिक्षक का एक अहम भूमिका होती है, परंतू जब शिक्षक ही उस काबिल ना हो, तो छात्रों की भविष्य की कल्पना बस एक सपना बनकर रह जाती है।
सवाल पर बीईओ ने झाड़ा पल्ला—
इस सबंध में जब हरलाखी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुनील कुमार तिवारी से जानकारी लेने के लिए बात करने की कोशिश किया, तो उन्होंने कही दुसरी जगह होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ते हुए फोन पर बात करना उचित नहीं समझे। अब सवाल यह उठता है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के नाक के नीचे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, परंतू ऐसे शिक्षक और पदाधिकारी पर आखिर कार्रवाई क्यों नहीं होती? जिला शिक्षा पदाधिकारी कबतक इस तरह की षिक्षा व्यवस्था और लापरवाह अधिकारी पर संज्ञान लेते है।