पटना/अररिया/मधुबनी-06 अक्टूबर। बिहार के सरकारी अस्पतालों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था लागू करने के राज्य सरकार के फैसले सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को राज्यव्यापी चिकित्सकों की हड़ताल का असर फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भी साफ साफ दिखाई दिया।
डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से अनुमंडलीय अस्पताल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई। ओपीडी सेवा बंद रहा और केवल इमरजेंसी सेवा शुरू रही।
अररिया जिला अस्पताल सहित स ही पीएचसी और एपीएचसी में भी हड़ताल का व्यापक असर देखा गया। इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे मरीज और उनके परिजन परेशान रहे।
दरअसल, बायोमेट्रिक अटेंडेंस के विरोध में और 11 सूत्री मांगों के समर्थन में राज्यभर के डॉक्टरों की आज हड़ताल है। बिहार स्वास्थ्य संघ ने कल डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने की घोषणा की थी। आज डॉक्टरों ने राज्य के सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप कर दिया है। संघ की मानें तो पिछले दिनों सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन इसको लेकर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। संघ का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल में डॉ एन.आनंद,डॉ रत्न शंकर,डॉ के.एन. सिंह,डॉ सरबजीत,डॉ अली अकबर अंसारी मौजूद थे। लेकिन केवल इमरजेंसी के मरीजों को चिकित्सीय सुविधा दिया।
वहीं मधुबनी जिले में भी हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित रही। मधुबनी सदर अस्पताल में डॉ कृणाल कौशल हड़ताली चिकित्सकों का नेतृत्व कर रहे थे।
