देहरादून- 05 नवंबर। भारतीय सभ्यता और संस्कृति की जानकारी अब मुस्लिम छात्र-छात्राओं को भी दी जाएगी। इसके लिए योग,वेद,संस्कृत के साथ-साथ अंग्रेजी और गणित की शिक्षा मदरसा छात्रों को दी जाएगी।
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने यह जानकारी रविवार को एक भेंट के दौरान दी। अपने कार्यालय में चर्चा करते हुए मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत,वेद और योग की शिक्षा का कोई विरोध नहीं है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी मदरसा छात्रों को अंतरधार्मिक शिक्षा प्रदान की जाए ताकि हम विविधता में एकता और वसुदेव कुटुंबकम के भारत के दृष्टिकोण का पालन कर सकें।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत, वेद और योग की शिक्षा का कोई विरोध नहीं है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी मदरसा छात्रों को अंतरधार्मिक शिक्षा प्रदान की जाए ताकि हम विविधता में एकता और वसुदेव कुटुंबकम के भारत के दृष्टिकोण का पालन कर सकें।
मुफ्ती शमून कासमी का कहना है कि भाषा और ज्ञान कहीं से भी मिले उसे लेना चाहिए। यह भारतीय शिक्षा पद्धति की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हम मदरसों को आम शिक्षालयों की तरह बनाना चाहते हैं ताकि मदरसों से शिक्षा प्राप्त छात्र-छात्राएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएं। उन्होंने कहा कि ज्ञान कहीं से भी मिले लेना चाहिए। इसके लिए मदरसा बोर्ड लगातार प्रयासरत रहेगा।