पटना- 22 मार्च। जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप और फरार चल रहे इसके साथी मणि द्विवेदी ने जिस कंपनी को पहले घाटे में दिखाया, उसी कंपनी से इन दोनों ने लाखों रुपये सैलरी के रूप में ले लिए। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में ये खुलासा हुआ है। दूसरी ओर तमिलनाडु फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में मनीष कश्यप के दोस्त नागेश कश्यप को पटना से गिरफ्तार किया गया है।
कंपनी को घाटे में दिखाकर मोटी सैलरी उठाने के मामले में ईओयू ने बड़ा खुलासा किया है। ‘सचतक’ प्राइवेट लिमिटेड इन दोनों की बनाई हुई कंपनी है। इस कंपनी में मनीष मैनेजिंग डायरेक्टर तो मणि डायरेक्टर के पद पर है। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार शातिर गिरी कर इस कंपनी को पहले 6.50 लाख रुपये के घाटे में दिखाया गया। बात 2021-22 के फाइनेंशियल ईयर की है। इसके बाद ही इन दोनों ने अपनी सैलरी के नाम पर कंपनी से अबतक 40 लाख रुपये लिए। यह बात अबतक की छापेमारी और पड़ताल में ईओयू के हाथ लगे कागजातों से साबित हुई है।
मनीष कश्यप और मणि द्विवेदी ने रुपयों की हेराफेरी सिर्फ अपने नाम पर ही नहीं की। इन्होंने कंपनी के स्टाफ के नाम पर भी की है। जांच में पता चला है कि 12 लाख रुपये स्टाफ की सैलरी के नाम पर कंपनी से उठाए गए हैं। इनकी कंपनी में स्टाफ की कुल संख्या क्या है? इसका पता लगाया जा रहा है। रुपये की हेराफेरी को लेकर अब ईओयू कंपनी से जुड़े बैंक अकाउंट को खंगालेगी। अपनी जांच के जरिए यह भी पता करेगी कि कंपनी के अकाउंट में फेसबुक और यूट्यूब के जरिए कितने रुपये अबतक आए हैं।