80 विधायकों के साथ राजद बना बिहार का सबसे बड़ा दल

पटना- 29 जून। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पांच में से चार विधायकों ने बुधवार को राजद का हाथ थाम लिया। इसके बाद राजद बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

बिहार में पहले राजद के विधायकों की संख्या 76 थी और भाजपा 77 विधायकों के साथ बिहार में सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन एआईएमआईएम के चार विधायकों के राजद में शामिल हो जाने के बाद राजद के पास विधायकों की संख्या 80 हो गई है।

दरअसल, कुछ महीने पहले भाजपा ने मुकेश सहनी की वीआईपी के तीन विधायकों को तोड़कर में शामिल कराया था। इसके बाद ही भाजपा में विधायकों की संख्या बढ़कर 77 हो गई थी। इससे पहले भाजपा में 74 विधायक थे। लेकिन अब राजद 80 विधायकों के साथ सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

एआईएमआईएम के चार विधायकों के राजद में शामिल होने से राजद को बिहार में भविष्य में होने वाले चुनावों में बड़ा लाभ मिलेगा। राजद के साथ चार मुस्लिम समुदाय के विधायकों के जाने से पार्टी का यादव-मुस्लिम समीकरण भी आने वाले दिनों में और ज्यादा सशक्त होगा। इससे सीमांचल के उन इलाकों में राजद की पकड़ और मजबूत होगी जहां इन बागी विधायकों की पकड़ है।

2020 में जब ओवैसी की पार्टी के 5 विधायक जीते थे उसके बाद से ही राजद और जदयू दोनों की चिंता मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले में करने को लेकर हो गई थी।

सूत्रों का कहना है कि न सिर्फ राजद बल्कि जदयू की ओर से भी इन विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश की जा रही थी। हालांकि ओवैसी के विधायकों ने खुद को राजद के साथ जाना ज्यादा सुरक्षित समझा और आज राजद का हाथ थाम लिया।

जो चार विधायक राजद में शामिल हुए हैं, उनमें कोचाधामन से विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से विधायक शाहनवाज आलम, पूर्णिया के बायसी सीट से विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज विधानसभा सीट से विधायक अनजार नईमी शामिल हैं। हालांकि सत्ता पक्ष ने नेताओं का कहना है कि एआईएमआईएम के इन चार विधायकों की घर वापसी हुई है। ये राजद के लिए कोई नयी उपलब्धि नहीं है।

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Author: lakshyatak

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