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हाईकोर्ट ने दिल्ली की सड़कों पर मानवरहित बैरिकेड्स पर आपत्ति जताई, पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब

नई दिल्ली- 14 नवम्बर। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की सड़कों पर मानवरहित बैरिकेड्स पर आपत्ति जताते हुए दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब किया है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली पुलिस से हर थाना क्षेत्र के अधीन लगाए गए पुलिस और आरडब्ल्यूए की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स की संख्या भी बताने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि या तो बैरिकेड्स नहीं होने चाहिए और अगर बैरिकेड्स लगाने की जरुरत पड़ती है तो वहां कोई न कोई होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आरडब्ल्यूए की भी ये ड्यूटी होनी चाहिए कि वो बैरिकेड्स को रेगुलेट करें। इसके पहले दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली की सड़कों पर पीक आवर में बैरिकेड्स नहीं लगेगा । दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर खास जानकारी होने पर ही बैरिकेड्स लगाया जाएगा।

स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि लावारिस बैरिकेड्स होने पर हेल्पलाईन नंबर 112 या दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को ट्विटर पर सूचित करने पर शिकायत की जा सकती है। इस शिकायत पर 3 से 5 मिनट में कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उसने बिना पुलिसकर्मी के बैरिकेड लगाने के मामले पर नया स्टैंडिंग आर्डर जारी किया है।

हाईकोर्ट ने 23 अगस्त को दिल्ली के कई सड़कों पर बिना पुलिसकर्मी के बैरिकेड लगाने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि इससे ट्रैफिक जाम और रोड ब्लॉक होने की समस्या होती है। कोर्ट ने स्पेशल पुलिस कमिश्नर(कानून-व्यवस्था) को तलब किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि शाम छह बजे जब ट्रैफिक का पीक आवर होता है उस समय भी बैरिकेड लगे होते हैं। रोड पर तीन गाड़ियां एक साथ पार कर सकती हैं लेकिन बैरिकेड लगाने की वजह से एक बार में एक ही वाहन पार करती है।

कोर्ट ने डीसीपी लीगल के हस्ताक्षर से दाखिल रिपोर्ट पर गौर किया जिसमें कहा गया था कि स्टैंडिंग आर्डर में बदलाव किया गया है और निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी बैरिकेड बिना पुलिसकर्मी के न हो। इस आदेश में कहा गया था कि उन सड़कों और फुटपाथ से बैरिकेड हटाए जाएं जिन सड़कों से सामान ढोए जाते हैं ताकि ट्रैफिक में कोई बाधा खड़ी न हो। रिपोर्ट में कहा गया था कि इसे लेकर सभी पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनाने की कोशिश की गई है।

दरअसल, हाईकोर्ट दिसंबर 2021 में प्रकाश गोयल के एक पत्र पर स्वत: संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई कर रही है। प्रकाश गोयल दिल्ली प्रादेशिक अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष हैं। पत्र में बिना पुलिसकर्मी के बैरिकेड्स लगाने की समस्या का जिक्र किया गया है। बिना पुलिसकर्मी के बैरिकेड्स लगाने से किसी समस्या का समाधान होने की बजाय इससे ट्रैफिक जाम की ही समस्या पैदा होती है। पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त, केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और नगर निगम से जवाब तलब किया था।

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Author: lakshyatak

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