नई दिल्ली- 09 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर,प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के खिलाफ हेट स्पीच मामले में सीपीएम नेता वृंदा करात की एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका उस बेंच के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया, जिस बेंच के समक्ष ऐसे मामले पहले से लंबित हैं। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट में ऐसे ही मामले पर पहले से मामला लंबित है, तब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि इस याचिका को भी जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच के पास लिस्ट किया जाए। उसके बाद कोर्ट ने चीफ जस्टिस की अनुमति से उसी बेंच के पास मामले की सुनवाई लिस्ट करने का आदेश दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 जून, 2022 को वृंदा करात की याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ वृंदा करात ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता ने कानून के दूसरे उपलब्ध उपाय का उपयोग नहीं किया। हाई कोर्ट ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने मामले के गुण दोष के आधार पर फैसला नहीं किया है, बल्कि क्षेत्राधिकार पर विचार किया है।
इससे पहले राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 26 अगस्त, 2020 को वृंदा करात की याचिका खारिज कर दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से जरूरी अनुमति नहीं ली गई है, इसलिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दिया जा सकता है। ट्रायल कोर्ट ने अनिल कुमार और अन्य बनाम एमके अयप्पा और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया था, जिसमें कहा गया था कि लोकसेवक के खिलाफ जांच का आदेश बिना पूर्व अनुमति के नहीं दिया जा सकता है।
