जयपुर, 28 जूलाई। श्रम राज्य मंत्री श्री टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार श्रमिकों को बीमा, चिकित्सा सहित अन्य परिलाभ समय पर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री जूली मंगलवार को यहां पंचदीप भवन में क्षेत्रीय परिषद, कर्मचारी राज्य बीमा निगम राजस्थान की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य में अनुमोदित बीमीतों की संख्या 14 लाख 24 हजार हो गई है। राजस्थान में नियोजकों की संख्या 58 हजार 508 है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा प्रदेश में 8 अस्पताल एवं (डीसीबीओ) सहित 76 औषधालयों का संचालन कर बीमित एवं उनके आश्रितोंं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि नये आच्छादित क्षेत्रों मे मेडिकल सुविधा के लिए 52 आईएमपी अनुबंधित किए गए है। इसके अलावा विशेषज्ञ सुविधाओं एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए 189 निजी अस्पतालों से टाई-अप किया गया है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा अलवर केन्द्र पर 100 सीटों का मेडिकल कॉलेज संचालित किया जाएगा।
श्री जूली ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अन्तर्गत बीमित श्रमिकों के आश्रितों को मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए राजस्थान से 176 बीमितों के आश्रितों को प्रमाण-पत्र जारी किये गये है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत बीमित कर्मचारियोें के लिए अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) को 30 जून 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इसमें पात्रता शर्ताे में भी छूट दी गई है।
श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण यदि किसी बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो आश्रितों के बीमित को देय औसत वेतन की 90 प्रतिशत राशि कोविड रिलिफ स्कीम (पेंशन) के तहत आश्रितजन हितलाभ के रूप में देय होगी।
श्रम सचिव श्री नीरज के पवन ने कोरोना महामारी को देखते हुए नये औषधालय खोलने के लिए बीमितों की संख्या 3 हजार के मापदण्ड को 2 हजार करने का प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये।
उन्होंने केन्द्रीय लोक निर्माण निभाग के माध्यम से कार्य करवाने की लागत अधिक आने तथा निर्माण कार्यो को पूर्ण करने में समय भी अधिक लगने के कारण प्रस्तावित निर्माण कार्यो को सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर श्रम राज्य मंत्री ने कोरोना से मृतक बीमितों के 18 आश्रितजनों को पेंशन स्वीकृति पत्र भी प्रदान किये।
बैठक में श्रम आयुक्त श्रीमती शुचि त्यागी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा नियोजक एवं कर्मचारी प्रतिनिधि उपस्थित रहेे।